राज्य कृषि समाचार (State News)

आवारा पशुओं से फसल सुरक्षा: राजस्थान सरकार की तारबंदी योजना बनी वरदान

18 जुलाई 2024, अजमेर: आवारा पशुओं से फसल सुरक्षा: राजस्थान सरकार की तारबंदी योजना बनी वरदान – राजस्थान एग्री इन्फ्रा मिशन के तहत किसानों को आवारा पशुओं और नीलगाय से फसलों की सुरक्षा के लिए कांटेदार चैनलिंक तारबंदी पर अनुदान मिल रहा है, जिससे यह किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अजमेर जिले को विभिन्न योजनाओं (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन न्यूट्री सीरियल, नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल सीड और राज्य योजना) के तहत 3 लाख मीटर तारबंदी का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 2 लाख 31 हजार मीटर, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 60 हजार मीटर और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 9 हजार मीटर तारबंदी का भौतिक लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए 325 लाख रुपये का वित्तीय लक्ष्य कृषि आयुक्तालय जयपुर द्वारा आवंटित किया गया है।

संयुक्त निदेशक कृषि, श्री शंकर लाल मीणा ने बताया कि इस योजना में  अब तक 835 किसानों के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। योजना का लाभ सभी श्रेणी के किसानों को मिलेगा। व्यक्तिगत आवेदन के लिए 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि एक स्थान पर होना आवश्यक है, जबकि किसान समूह में आवेदन करने पर 2 किसान और 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि की शर्त है। सामुदायिक तारबंदी के लिए 10 किसानों और 5 हेक्टेयर कृषि भूमि की आवश्यकता है।

कृषि अधिकारी श्री पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विभाग द्वारा तारबंदी के दिशा-निर्देशों को सरल बनाते हुए अनुदान राशि में वृद्धि की गई है। पेरीफरी कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपये प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान मिलेगा। लघु एवं सीमांत कृषकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान के साथ कुल 48 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

सामुदायिक स्तर पर विशेष अनुदान

सामुदायिक स्तर पर 10 या अधिक किसानों के समूह द्वारा तारबंदी के लिए आवेदन करने पर लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 56 हजार रुपये प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान मिलेगा। पति-पत्नी दोनों के नाम पर कृषि भूमि होने की स्थिति में दोनों को अनुदान का लाभ मिलेगा।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

किसान स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर राज-किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल, ट्रेस नक्शा, और लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।

आवेदनों का निस्तारण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। तारबंदी कार्य के पूर्व और पश्चात स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक द्वारा जियोटेगिंग की जाएगी। अनुदान राशि सीधे किसानों के जनआधार से लिंक बैंक खाते में जमा की जाएगी।

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