गेहूं फसल में जड़ माहु कीट एवं कठुआ इल्ली का प्रकोप नियंत्रित करें
31 दिसंबर 2024, सीहोर: गेहूं फसल में जड़ माहु कीट एवं कठुआ इल्ली का प्रकोप नियंत्रित करें – मौसम में परिवर्तन होने के कारण रबी मौसम की प्रमुख फसलें गेहूं एवं चना फसल में रोग व कीटों के प्रकोप की पूरी संभावना बनी हुई है। कृषि विकास विभाग के मैदानी अमले द्वारा कृषकों के खेतों का भ्रमण करके फसलों में आने वाली समस्याओं से रूबरू कराते हुए उनके बेहतर उपायों से कृषकों को अवगत कराया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषकों को फसलों में आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी जा रही है और उनके बेहतर उपायों से अवगत कराया जा रहा है।
इस अवस्था में मौसम में परिवर्तन जैसे दिन में न्यूनतम तापमान, के कारण पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सुचारू रूप से न होने के कारण चना फसल प्रभावित होने के साथ-साथ फसल के पीले पडकर सूख रहे है । जिसके चलते फसल में आर्थिक नुकसान होने की पूरी संभावना है और साथ ही फसल में चने की सुण्डी इल्ली के साथ-साथ उकठा व जड- सड़न रोग के प्रकोप के कारण भी फसल सूख रही है। किसानों को सलाह है कि चना फसल की सुरक्षा के लिए इमामेक्टिन बेन्जोएट + प्रोफेनोफास 200 ग्राम/एकड या क्लोरोइन्ट्रानिलीप्रोल + लेम्ब्डासाइलोथ्रिन 80 मिली/एकड के साथ फ्लूपायराक्साइड + पायरोक्लोरोस्ट्रोबिन 150 मिली/एकड या एजोक्सीस्ट्रोबिन + टेबूकोनोजोल 150 मिली/एकड के साथ एनःपीःके 19:19:19, 1 किग्रा/एकड से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें ।
कृषि विभाग ने बताया कि जिले की मुख्य फसल गेहूं में भी वर्तमान समय में जड-माहू कीट व कठुआ इल्ली का प्रकोप प्रारम्भिक अवस्था से ही फसल पर बना हुआ है, जिसके कारण फसल पीली पड़ कर सूख रही है व इल्ली के प्रकोप के कारण फसल की वानस्पतिक वृद्धि व बालियाँ प्रभावित हो रही है। किसानो को सलाह है कि उक्त कीटों के निदान के लिए इमामेक्टिन बेन्जोएट + प्रोफेनोफास 200 ग्राम/एकड के साथ एनःपीःके 19:19:19, 1 किग्रा/ एकड की दर से 150 लीटर पानी में घेाल बनाकर छिडकाव करे। साथ ही कृषकों को सलाह है कि अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए सतत कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क में रहें ।
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