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MP में शुरू होगी ‘मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना’: 500 गौवंश और 2000 आबादी वाले गांवों को मिलेगा विशेष दर्जा

02 जुलाई 2025, भोपाल: MP में शुरू होगी ‘मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना’: 500 गौवंश और 2000 आबादी वाले गांवों को मिलेगा विशेष दर्जा -मध्यप्रदेश में अब गांवों को आत्मनिर्भर और विकास का आदर्श मॉडल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार, 1 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में ‘मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना’ को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक ऐसे गांव को चुना जाएगा जिसकी आबादी न्यूनतम 2000 हो और गौवंश की संख्या 500 से अधिक हो। इन गांवों को वृन्दावन ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा।

योजना का उद्देश्य

सरकार का उद्देश्य है कि चयनित गांव गौसेवा, जैविक खेती, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन, सौर ऊर्जा और स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनें और अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बनें। ऐसे गांवों में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण के साथ-साथ आर्थिक विकास का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

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गौपालन और डेयरी विकास पर विशेष ज़ोर

योजना में गौ-पालन, डेयरी विकास और दुग्ध उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ ही गांवों में जैविक कृषि और सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

मिलेंगी यह सुविधाएं

वृन्दावन ग्रामों में निम्नलिखित बुनियादी और विकासात्मक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:
1. गौशाला, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, पुस्तकालय, ग्रामीण वर्कशेड
2. सोलर स्ट्रीट लाइट, जलकुंड, बायोगैस प्लांट, हर घर जल योजना (सोलर आधारित)
3. ड्रिप इरिगेशन, चारागाह विकास, ग्रामीण उद्योग, आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर
4. पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए तालाब संरक्षण, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, चेक डैम

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आजीविका और प्रशिक्षण

महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए स्वरोजगार आधारित गतिविधियों जैसे फलोद्यान, पोषण वाटिका, लघु उद्योग, डेयरी यूनिट और स्किल डेवेलपमेंट सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

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कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले

अन्य अहम निर्णयों में राज्य सरकार ने 2025-26 से 2029-30 तक 1766 क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण के लिए ₹4572 करोड़ की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) की स्थापना को भी स्वीकृति दी गई है, जिसके लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की 10 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी। 

इसके अलावा, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के 108 छात्रावासों में निवासरत 9050 विद्यार्थियों के लिए ₹31 करोड़ की लागत से मेस संचालन को मंजूरी दी गई है। वहीं, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 1266 नए पदों के सृजन की स्वीकृति भी दी गई है। मध्यप्रदेश इस कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

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