राज्य कृषि समाचार (State News)

जलवायु अनुकूल कृषि में छिंदवाड़ा मॉडल जिला, ‘जीरो टिलेज’ में नए इतिहास की तैयारी

21 नवंबर 2025, छिंदवाड़ा: जलवायु अनुकूल कृषि में छिंदवाड़ा मॉडल जिला, ‘जीरो टिलेज’ में नए इतिहास की तैयारी –  जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का मुकाबला करने और किसानों की  कृषि लागत को कम करने और आय  बढ़ाने लक्ष्य के साथ, छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड मोहखेड़ के ग्राम सारोठ में  कृषि कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रगतिशील कृषक श्री जितेंद्र खोशी  के खेत पर जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत, बिना जुताई ( ज़ीरो  टिलेज ) और बिना पराली जलाए मक्का की कटाई के तुरंत बाद गेहूं की उन्नत किस्म डब्ल्यू 187 की बुवाई सफलतापूर्वक की गई। यह पद्धति लागत कम करने, मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारने और पर्यावरण प्रदूषण रोकने में किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। तकनीकी प्रदर्शन के इस महत्वपूर्ण मौके पर  वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी: श्री डी.एस. घागरे,आत्मा परियोजना से ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर श्रीमती प्रिया कराडे कृषि विस्तार अधिकारी: श्री बी.एल.  सरयाम  एवं श्री व्हाय.पी .बेलवंशी , राजा  भोज एफपीओ  के डायरेक्टर श्री भगवानदास  घागरे एवं सीईओ श्रीमती नंदनी लड़े सहित कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के अधिकारीगण तथा क्षेत्र के किसान उपस्थित थे ।    

 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी नेतृत्व –  यह अभिनव पहल बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (BISA), के   वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में क्रियान्वित की जा रही है। बोरलॉग इंस्टीट्यूट, जो कि विश्व प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केंद्र , मेक्सिको का एक उपसंस्थान  है, मध्य प्रदेश के कृषि विभाग के साथ मिलकर 9 जिलों में यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चला रहा है। इस परिवर्तनकारी कार्य को धरातल पर उतारने में परियोजना समन्वयक डॉ. पंकज कुमार और  तकनीकी सहायक श्री दीपेंद्र सिंह  का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने न केवल जिले में क्लाइमेट रेजिलिएंट (जलवायु-सहनशील) किस्में और नई तकनीकें जैसे जीरो टिलेज पेश की हैं, बल्कि किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। वे लगातार खेतों में जाकर किसानों को उनकी व्यावहारिक और आसान भाषा में प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे तकनीकों को अपनाने में तेजी आई है। इन प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसान नई पद्धतियों के आर्थिक लाभ और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भली-भांति समझ सकें।  

इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में उप संचालक कृषि श्री जितेंद्र कुमार सिंह का दूरदर्शी नेतृत्व एक प्रेरणा शक्ति रहा है। उनके मार्गदर्शन में विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि जलवायु अनुकूल कृषि की यह तकनीक प्रत्येक किसान तक पहुंचे। श्री  सिंह ने  कहा हमारा स्पष्ट लक्ष्य है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम इस तकनीक को संपूर्ण जिले के हर कोने में और हर वर्ग ओर समुदाय के किसानों तक पहुंचाएं। यह तकनीक किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से बचाएगी, उनकी लागत में उल्लेखनीय कटौती करेगी और उत्पादन को निश्चित रूप से बढ़ाएगी।”  उनका यह कथन विभाग की प्रतिबद्धता और किसानों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

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