छत्तीसगढ़: किसान धान की जगह करें मक्का, कोदो, तिलहन की खेती! सरकार देगी हर एकड़ पर हजारों रुपए
19 जुलाई 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़: किसान धान की जगह करें मक्का, कोदो, तिलहन की खेती! सरकार देगी हर एकड़ पर हजारों रुपए – छत्तीसगढ़ सरकार ने खेती को फायदे का सौदा बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार अब किसानों को धान के बजाय मक्का, दलहन, तिलहन, कपास, कोदो-कुटकी, रागी जैसी वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहन राशि देगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह पहल खेती के विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है, जिससे किसान सिर्फ धान पर निर्भर न रहें और अपनी आय में इजाफा कर सकें।
अन्य फसलों पर मिलेगा सीधा लाभ
राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार कृषक उन्नति योजना के तहत यदि कोई किसान धान के बदले अन्य खरीफ फसलें जैसे मक्का, कोदो-कुटकी, रागी, कपास, तिलहन और दलहन की खेती करता है, तो उसे ₹10,000 प्रति एकड़ की मदद सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
धान छोड़ने पर मिलेगा ज्यादा लाभ
जिन किसानों ने पिछले खरीफ सीजन में धान का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया था और इस बार यदि वे धान के स्थान पर दूसरी फसलें लेते हैं, तो उन्हें और ज्यादा फायदा मिलेगा। ऐसे किसानों को प्रमाणित गिरदावरी के आधार पर ₹11,000 प्रति एकड़ की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
1. जिन किसानों ने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया है, वही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
2. सरकारी, अर्ध-सरकारी संस्था, ट्रस्ट, प्राइवेट कंपनियां और समिति जैसे कानूनी निकाय इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
3. बीज उत्पादक किसान, यदि उन्होंने बीज निगम को धान विक्रय किया है, तो उनके लिए भी विशेष प्रावधान है।
आदान सहायता पर नजर
धान की खेती करने पर किसानों को समर्थन मूल्य के साथ ₹731 प्रति क्विंटल की दर से ₹15,351 प्रति एकड़ (कॉमन धान) और ₹711 प्रति क्विंटल की दर से ₹14,931 प्रति एकड़ (ग्रेड-ए धान) की सहायता राशि मिलती है। वहीं अब दूसरी फसलें लेने पर भी हजारों रुपए की सहायता सीधे मिलेगी।
खेती को बनाए लाभकारी और सुरक्षित
सरकार का कहना है कि खरीफ सीजन में खेती सिर्फ धान तक सीमित न रहे, इसलिए पोषण सुरक्षा, मृदा स्वास्थ्य और बेहतर आय को देखते हुए फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषक उन्नति योजना के तहत किसान अपनी मर्जी से फसल बदल सकेंगे और इसके बदले उन्हें वित्तीय मदद मिलेगी।
किसान कृषि विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों या विकासखंड स्तर के कृषि अधिकारी से संपर्क कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना किसानों के लिए आर्थिक मजबूती के साथ खेती में विविधता और पोषण सुरक्षा का भी एक मजबूत जरिया बनेगी।
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