क्या ड्रोन किसानों की कमाई बढ़ा सकता है? MP में नई नीति लागू
20 फ़रवरी 2025, भोपाल: क्या ड्रोन किसानों की कमाई बढ़ा सकता है? MP में नई नीति लागू – मध्यप्रदेश सरकार ने ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे खेती में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा सके। सरकार का कहना है कि इस नीति से किसानों को फसल प्रबंधन, उर्वरक छिड़काव और जल उपयोग दक्षता में मदद मिलेगी। राज्य सरकार का दावा है कि ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से खेती की लागत में कमी आएगी और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
इस नीति को 24 और 25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार के अनुसार, इसका उद्देश्य ड्रोन टेक्नोलॉजी के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि कृषि और अन्य क्षेत्रों में नवाचार और रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें।
खेती में ड्रोन का बढ़ता प्रभाव
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना का कहना है कि ड्रोन तकनीक खेती में कई स्तरों पर बदलाव ला सकती है। यह किसानों को फसलों की सेहत पर नजर रखने, बीमारियों का पता लगाने और उपज के आकलन में सहायता कर सकती है। सरकार का कहना है कि ड्रोन के जरिए उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव ज्यादा सटीक तरीके से किया जा सकता है, जिससे इनका अपव्यय कम होगा और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी घटेगा।
ड्रोन तकनीक सिंचाई प्रबंधन में भी कारगर साबित हो सकती है। इससे यह पता लगाना आसान होगा कि किसी खेत के किस हिस्से में पानी की अधिक या कम जरूरत है, जिससे सिंचाई की दक्षता बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार का कहना है कि ड्रोन के उपयोग से भूमि सर्वेक्षण कर भूमि रिकॉर्ड का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इससे जमीन से जुड़े स्वामित्व विवादों को कम करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।
औद्योगिक निवेश और ड्रोन टेक्नोलॉजी पर जोर
प्रदेश सरकार का दावा है कि औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए अनुकूल नीतियां तैयार की गई हैं। इसके तहत नए उद्योगों को सब्सिडी, टैक्स में छूट और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। सरकार को उम्मीद है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़े निवेशक प्रदेश में निवेश करने के लिए उत्साहित होंगे।
GIS को लेकर सरकार का मानना है कि यह भोपाल को इंडस्ट्री हब बनाने में मददगार साबित हो सकता है। यदि कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो इससे न केवल किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रदेश में कृषि आधारित स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी कंपनियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
क्या किसानों को होगा फायदा?
ड्रोन तकनीक को लेकर किसानों की उम्मीदें और चिंताएं दोनों बनी हुई हैं। ड्रोन के इस्तेमाल से खेती में संभावित सुधारों के बावजूद, इसकी लागत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। छोटे किसानों के लिए ड्रोन खरीदना या किराए पर लेना एक महंगा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, ड्रोन तकनीक के सही उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी, जिससे इसे अपनाने में समय लग सकता है।
सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किसानों को इस तकनीक को अपनाने में कोई आर्थिक सहायता मिलेगी या नहीं। यदि ड्रोन तकनीक का सही उपयोग किया जाता है और किसानों को इसका लाभ मिल पाता है, तो यह खेती के तरीके को बदल सकता है। हालांकि, इसका वास्तविक असर कितना होगा, यह भविष्य में इसके क्रियान्वयन पर निर्भर करेगा।
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