बिहार के कृषि मंत्री ने किसानों से बात की मैं किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा समझता हूं
04 दिसंबर 2025, भोपाल: बिहार के कृषि मंत्री ने किसानों से बात की मैं किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा समझता हूं – बिहार के कृषि मंत्री ने राम कृपाल यादव ने किसान कॉल सेंटर पर जाकर किसानों से कृषि रेडियो के जरिए बात की. उन्होंने किसानों से कहा कि उन्हें अच्छे बीजों, खेती की जानकारी के साथ अच्छी बागवानी किस्मों और मौसम की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा समझता हूं. इसलिए किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दूंगा. उन्होंने कृषि अधिकारियों को किसानों तक सभी योजनाओं और लाभों को समय पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.
कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने कृषि भवन, मीठापुर में कृषि विभाग के विभिन्न संभागों का भ्रमण कर कार्यों का निरीक्षण किया. उन्होंने सभी संभागों में संचिकाओं को सुव्यवस्थित करने का निदेश दिया. उन्होंने कृषि भवन पटना में प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (सूक्ष्म सिंचाई) पर चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवादा एवं गया जिला से आये किसानों को संबोधित किया.
कृषि मंत्री ने किसान कॉल सेंटर का भी भ्रमण किया. उन्होंने किसान कॉल सेन्टर के जरिए किसानों की समस्याओं का किये जा रहे समाधान की जानकारी ली. प्रधान सचिव ने बताया कि किसान कॉल सेन्टर 02 सिफ्ट में संचालित किया जाता है. यहां कार्यरत सभी टेली एडवाईजर कृषि विशेषज्ञ हैं. किसानों के पूछे गये प्रश्न का उत्तर स्थानीय भाषा में दिया जाता है.
मंत्री राम कृपाल यादव ने बिहार कृषि रेडियो का भ्रमण कर कृषि रेडियो के जरिए किसानों के बातचीत की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग का दायित्व मेरे कंधों पर दिया है. मैं खुद भी किसान का बेटा हूं, मैं आपके दर्द और पीड़ा को जानता हूं. कृषि विभागीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा आपसे सुझाव लेकर आपके लिए कार्य किया जा रहा है और मै भी खुद आपके बीच आकर आपसे सुझाव प्राप्त कर आपके उन्नति के लिए काम करूंगा.
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture


