हरियाणा में कृषि के लिए बड़ी पहल: हरियाणा एग्रीकल्चर कौंसिल का गठन होगा
22 जुलाई 2024, चंडीगढ़ : हरियाणा में कृषि के लिए बड़ी पहल: हरियाणा एग्रीकल्चर कौंसिल का गठन होगा – हरियाणा के कृषि मंत्री, श्री कंवर पाल ने यमुनानगर में ‘कृषि कल्याण सम्मेलन’ में भाग लिया। कृषि एवं बागवानी विभाग के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ‘हरियाणा कृषि समिति’ के गठन की घोषणा की, जो हरियाणा मेडिकल काउंसिल की तर्ज पर काम करेगी। यह समिति कृषि शिक्षा और संबंधित गतिविधियों को सुचारू करेगी, साथ ही हरियाणा में कीटनाशकों के उपयोग पर भी नियंत्रण करेगी, जिससे किसानों को कृषि की बढ़ती लागत से राहत मिलेगी।
उच्च तकनीक लैबोरेटरी का गठन
श्री कंवर पाल ने बताया कि वर्तमान में हमारे पास लैबोरेटरीज़ हैं, लेकिन वे उच्च तकनीक नहीं हैं। हमारा उद्देश्य ऐसी लैबोरेटरीज़ स्थापित करना है जहां मिट्टी, पानी, कीटनाशक और उर्वरक की गुणवत्ता की जांच हो सके। ये लैबोरेटरीज़ वैश्विक मानकों पर कृषि उत्पादों की गुणवत्ता की जांच भी कर सकेंगी। बागवानी विभाग की तरह, कृषि विभाग भी विश्व स्तरीय तकनीकी और उत्कृष्टता केंद्र शुरू करेगा। ये केंद्र गन्ना, कपास, तिलहन, मक्का, मोटे अनाज, चावल और कृषि इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिससे किसान उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उत्पाद तैयार कर सकें।
प्लांट क्लीनिक की स्थापना
मंत्री ने घोषणा की कि राज्य में उच्च तकनीक एडीओ/एचडीओ कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें ‘प्लांट क्लीनिक’ कहा जाएगा। ये क्लीनिक किसानों को उनके गांवों के पास सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेंगे। सरकार का उद्देश्य हर किसान तक पहुंचना है, ताकि उन्हें कृषि सेवाओं के लिए कहीं और न जाना पड़े।
किसान हेल्पलाइन और गुणवत्ता नियंत्रण
अगर किसी किसान को लगता है कि उन्होंने जो कीटनाशक खरीदा है वह नकली या निम्न गुणवत्ता का है, तो वे इसे परीक्षण करा सकेंगे। किसानों के लिए उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद खरीदने की आवश्यकता एक प्रमुख समस्या है। उर्वरक प्राप्त करने में देरी भी एक समस्या है। इसे हल करने के लिए हर ब्लॉक में एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। किसान इस नंबर पर अपनी समस्याओं की रिपोर्ट कर सकेंगे और ब्लॉक कृषि अधिकारी इन समस्याओं को हल करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि हर सीजन से पहले, कृषि विकास अधिकारी और ब्लॉक कृषि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में बीज और उर्वरक के स्टॉक की जांच करेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसान आसानी से सीजन के दौरान बीज और उर्वरक प्राप्त कर सकें और काला बाजारी पर रोक लगेगी।
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