राजस्थान में मोटे अनाज का बड़ा अभियान: 8 लाख 80 हजार मिनिकिट किसानों को निःशुल्क वितरित
07 सितम्बर 2024, जयपुर: राजस्थान में मोटे अनाज का बड़ा अभियान: 8 लाख 80 हजार मिनिकिट किसानों को निःशुल्क वितरित – मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान किसानों को बाजरा और ज्वार के कुल 8 लाख 80 हजार बीज मिनिकिट निःशुल्क वितरित किए गए हैं। इस अभियान में 7 लाख 90 हजार बाजरा और 89 हजार ज्वार के मिनिकिट शामिल हैं। सरकार के इस प्रयास का उद्देश्य राज्य में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
मोटे अनाज, जैसे बाजरा, ज्वार, रागी और कोदो, कम सिंचाई और कम उपजाऊ भूमि में भी अच्छी पैदावार देते हैं, जिससे यह जलवायु परिवर्तन और कुपोषण जैसी चुनौतियों का सामना करने में सहायक होते हैं। वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित करने के बाद, भारत ने मोटे अनाज को एक प्रमुख फसल के रूप में उभारा है।
स्वास्थ्य और पोषण का खजाना— मोटे अनाज
मोटे अनाज पोषण से भरपूर होते हैं, जिनमें प्रोटीन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनके नियमित सेवन से कुपोषण, मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। वैज्ञानिक भी भोजन में मिलेट्स को शामिल करने की सलाह देते हैं, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राज्य में बड़े पैमाने पर बुवाई
राजस्थान में खरीफ 2024 के मौसम में बाजरा और ज्वार की 49.60 लाख हेक्टेयर भूमि में बुवाई की गई है। इसमें बाजरे की 43.04 लाख हेक्टेयर और ज्वार की 6.60 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है। इस व्यापक बुवाई और मिनिकिट वितरण से उम्मीद है कि राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन और खपत दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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