राज्य कृषि समाचार (State News)

भाकिसं का इंदौर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू

27 फ़रवरी 2025, इंदौर: भाकिसं का इंदौर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू – आउटर रिंग रोड़ के निर्माण के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण को लेकर भारतीय किसान संघ ( भाकिसं ) द्वारा अपनी मांगों  के संबंध में प्रशासन से कई महीनों से चर्चा की जा रही थी, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। इस बीच  किसानों की असहमति के बावजूद उनकी कृषि भूमि पर सर्वे प्रारम्भ कर दिए जाने से नाराज किसानों ने आज से इंदौर कलेक्टर कार्यालय के सामने अपना अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी , तब तक यह धरना आंदोलन  जारी रहेगा। बड़ी संख्या में मौजूद किसान पूरी तैयारी के साथ आए हैं। वे अपने साथ आटा, दाल , घी , कंडे , पानी और बिस्तर भी साथ लाए हैं । उनके  द्वारा  धरना स्थल पर ही दाल – बाटी बनाई जाएगी। इस धरना आंदोलन को अन्य किसान संगठनों और करणी सेना का भी समर्थन मिला है।

भाकिसं का इंदौर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू

बिना निर्णय के सर्वे शुरू, खाने -पीने की सामग्री साथ लाए – भारतीय किसान संघ मालवा प्रान्त के संभाग अध्यक्ष श्री कृष्णपाल सिंह राठौर ने कृषक जगत को बताया कि  आउटर रिंग रोड़ के निर्माण के लिए ज़मीन के मुआवजे को लेकर किसान संगठन गाइड लाइन बढ़ाने और मुआवजा चार गुना करने की मांग कर रहे हैं। इस विषय को लेकर प्रशासन से कई महीनों से चर्चा की जा रही थी।  ज्ञापन भी दिया गया।  लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। इस बीच  किसानों की असहमति के बावजूद उनकी उपजाऊ  कृषि भूमि पर सर्वे प्रारम्भ कर दिया गया इससे आक्रोशित  किसानों ने आज से इंदौर कलेक्टर ऑफिस के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होगी किसान धरने पर ही बैठेंगे। वहीं भाकिसं के इंदौर जिला प्रचारक श्री राहुल मालवीया ने कृषक जगत को बताया कि इस बार किसान पूरी तैयारी से आए हैं। घर से आटा , दाल , घी ,कंडे , बर्तन ,बिस्तर और पानी साथ लाए हैं। यहीं पर दाल -बाटी बनेगी।  इस आंदोलन को अन्य किसान संगठन और करणी सेना का भी समर्थन मिला है।

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किसानों की मांगें – इंदौर में पूर्वी और पश्चिमी रिंग रोड़ के निर्माण के लिए किया जाने वाला संयुक्त सर्वे तत्काल बंद किया जाए। केंद्रीय भू – अधिग्रहण कानून 2013  को मप्र में भी लागू किया जाए। गत 12  वर्षों से गाइड लाइन नहीं बढ़ाई है , उसे 25  % की  दर से बढ़ाया जाए और  उसके आधार पर किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाए। आउटर रिंग रोड़ के लिए जारी वर्तमान राजपत्र को निरस्त किया जाए।  किसी भी योजना में किसान की सहमति के बिना अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे न बढ़ाई जाए।  आवश्यकताविहीन अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण को नियंत्रित किया जाकर जितनी भूमि का अधिग्रहण  किया जा रहा है उतनी भूमि उसी पटवारी हल्के में दी जाए।   राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाए। किसानों ने  इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए ) पर भू माफिया की तरह काम करने के भी आरोप लगाएं हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो भाकिसं बड़े आंदोलन करने को मजबूर होगा।

इस आंदोलन में मालवा प्रान्त अध्यक्ष श्री लक्ष्मीनारायण पटेल, संगठन मंत्री श्री अतुल माहेश्वरी , इंदौर संभाग अध्यक्ष श्री कृष्णपाल सिंह राठौर ,मालवा प्रान्त जैविक प्रमुख श्री आनंद सिंह ठाकुर, इंदौर जिला अध्यक्ष श्री राजेंद्र पाटीदार ,जिला मंत्री श्री महेश राठौर ,महानगर अध्यक्ष श्री दिलीप मुकाती , महानगर मंत्री श्री वरदराज  जमींदार , करणी सेना जिला अध्यक्ष ,सदस्य मालवा प्रान्त श्री सुमेर सिंह सुसनेर और प्रचार -प्रसार प्रमुख श्री राहुल मालवीया सहित बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं।

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