बैंकों को बदलनी होंगी ऋण नीतियां, कृषि अर्थव्यवस्था को लेकर सहकारिता मंत्री का बड़ा बयान
07 फ़रवरी 2025, भोपाल: बैंकों को बदलनी होंगी ऋण नीतियां, कृषि अर्थव्यवस्था को लेकर सहकारिता मंत्री का बड़ा बयान – राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मध्य प्रदेश के लिए राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें वर्ष 2025-26 के लिए स्टेट फोकस पेपर (एसएफपी) जारी किया गया। इस दस्तावेज़ के अनुसार, राज्य में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लिए 3,13,785.89 करोड़ रुपये की ऋण क्षमता आंकी गई है।
कृषि और एमएसएमई को मिलेगी प्राथमिकता
नाबार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अनुमानित ऋण क्षमता में कृषि के लिए 1.79 लाख करोड़ रुपये, एमएसएमई सेक्टर के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपये और अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लिए 0.18 लाख करोड़ रुपये का आकलन किया गया है। नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक सी. सरस्वती ने बताया कि यह रिपोर्ट राज्य की वार्षिक ऋण योजना का आधार बनेगी, जिससे कृषि, ग्रामीण उद्यमिता और बुनियादी ढांचे को वित्तीय सहायता मिलेगी। उन्होंने संस्थागत ऋण की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा कि इससे किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी, कृषि तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
बैंकों से ऋण नीतियों में सुधार का आग्रह
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से किसानों, छोटे उद्यमियों और ग्रामीण विकास से जुड़े क्षेत्रों के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराने की अपील की। उनका कहना था कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बैंकों को नाबार्ड की रिपोर्ट के अनुरूप अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए।
स्टेट फोकस पेपर: नीति और वित्तीय संसाधनों के बीच सेतु
नाबार्ड द्वारा जारी स्टेट फोकस पेपर नीतियों और वित्तीय संसाधनों के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा। इसके जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि क्षेत्र और लघु उद्योगों को ऋण वितरण की दिशा मिलेगी। यह राज्य की वार्षिक ऋण योजना का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होगा, जिससे सुनिश्चित किया जाएगा कि वित्तीय संसाधन जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से पहुंचें।
संगोष्ठी में प्रमुख हितधारकों की भागीदारी
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के क्षेत्रीय निदेशक (RD) सुश्री रेखा चंदनावेली, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य महाप्रबंधक (CGM) श्री चंद्रशेखर शर्मा, मध्य प्रदेश सरकार के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज (RCS) श्री मनोज पुष्प, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के अध्यक्ष श्री प्रमोद मिश्रा सहित वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया और इनके अलावा सहकारिता से जुड़ी संस्थाओं के अधिकारी और एफपीओ प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक श्री सलिल झोकरकर ने किया और आभार नाबार्ड के महाप्रबंधक श्री कमर जावेद ने व्यक्त किया। कार्यक्रम समन्वय नाबार्ड के प्रबंधक श्री सुशांत उगले द्वारा किया गया।
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