सीहोर में बिना अनुमति बिक रहे जैविक उत्पादों पर रोक, विक्रेताओं को 7 दिन में स्टॉक हटाने के निर्देश
31 जुलाई 2025, सीहोर: सीहोर में बिना अनुमति बिक रहे जैविक उत्पादों पर रोक, विक्रेताओं को 7 दिन में स्टॉक हटाने के निर्देश – केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार किसानों को अच्छी और प्रमाणित कृषि सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। इसी के तहत सीहोर जिले में बिना अनुमति बिक रहे जैविक उत्पादों, बायो स्टिमुलेंट और अन्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में कृषि उप संचालक अशोक कुमार उपाध्याय द्वारा जिले के विक्रेताओं और निर्माता कंपनियों को स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं।
इन सभी उत्पादों की बिक्री अब नियंत्रित
जारी आदेश के अनुसार, सभी प्रकार के अकार्बनिक, कार्बनिक, मिश्रित और जैव उर्वरक, जैसे कि:
1. ह्यूमिक व फुल्विक एसिड,
2. एमीनो एसिड,
3. एंटीऑक्सीडेंट व विटामिन मिश्रण,
4. समुद्री शैवाल अर्क,
5. स्पिरुलिना,
6. प्रोटीन हाइड्रोलाइसेस,
7. बैक्टीरियल बायोमास,
8. माइक्रोबियल,
9. सेकरोमाइसिस,
10. ग्रोथ रेगुलेटर एवं
11. टॉनिक उर्वरक,
इन सभी उत्पादों को उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के अंतर्गत माना गया है। अब इन उत्पादों की बिक्री बिना अनुमति के नहीं की जा सकेगी।
बिना अनुमति बिक्री को माना जाएगा अवैध
यदि कोई उर्वरक विक्रेता या निर्माता कंपनी अपने उत्पादों की बिक्री के लिए कृषि विभाग के उप संचालक या कृषि विकास पदेन अनुज्ञापन अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त नहीं करती है, और बिना लाइसेंस या पंजीयन के इन उत्पादों का विक्रय या भंडारण करती है, तो यह पूरा व्यवसाय अनाधिकृत माना जाएगा।
इसके अलावा, पूर्व में जैव उत्पादों के लिए ली गई जी-1, जी-2 जैसी अनुमतियाँ भी अब स्वतः निरस्त मानी जाएंगी।
विक्रेताओं को 7 दिन की मोहलत
सीहोर जिले में जिन जैव उर्वरक कंपनियों और विक्रेताओं द्वारा बिना अनुमति के जैव उत्पाद बेचे जा रहे हैं, उन्हें 7 दिन के अंदर इन उत्पादों को अपने विक्रय परिसर से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही, सभी विक्रेताओं और कंपनियों को कहा गया है कि वे अपने अनधिकृत जैविक और उर्वरक उत्पाद निर्माता कंपनी को वापस करें, और निर्माता कंपनी भी उन्हें विक्रेताओं के परिसर से हटा ले।
7 दिन बाद मिले अवैध उत्पाद, तो होगी कार्रवाई
यदि निर्धारित 7 दिन की समय सीमा के बाद किसी विक्रेता के उर्वरक केंद्र पर अनधिकृत जैव उर्वरकों का भंडारण पाया गया, तो संबंधित विक्रेता और कंपनी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई उर्वरक नियंत्रण आदेश और कीटनाशी नियमों के तहत की जाएगी।
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