State News (राज्य कृषि समाचार)

छत्तीसगढ़ के गौठानों में पशुओं के लिए चारा, पानी, छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री

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गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 4.40 करोड़ रूपए की राशि ऑनलाईन वितरित

1 मई 2023, रायपुर । छत्तीसगढ़ के गौठानों में पशुओं के लिए चारा, पानी, छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री –  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के 10 हजार से अधिक गौठानों में गर्मी को देखते हुए पशुओं के लिए चारा पानी और छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गौठानों का भ्रमण कर वहां पैरा के साथ ही हरे चारे, शेड और पानी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों के आश्रित गांवों में भी मांग अनुसार गौठान की स्वीकृति दी जाए।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत् से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 4 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन अंतरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गौठान में होने वाली आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए अनिवार्य रूप से गौठान समितियों की बैठक करायी जाए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर कि राज्य के आधे से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए कहा कि नहरों से तलाबों में पानी भरने का काम त्वरित गति से करें, जिससे पानी की उपलब्धता रहेगी और जल स्तर बढ़ेगा। कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने भी संबोधित किया।

गौरतलब है कि प्रदेश की 11 हजार पंचायतों में 10 हजार 6 सौ नब्बे गौठान स्वीकृत हुए हैं। जिसमें से 10 हजार से अधिक गौठान पूर्ण हो गये हैं। इन गौठानों में 5 हजार 3 सौ 98 गौठान स्वावलंबी हो गये हैं, जिनके द्वारा गोबर खरीदने के लिए 50 करोड़ 82 लाख रूपये की सहायता दी गई है। एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में कुल 1.30 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 2.59 करोड़ रूपए की राशि में से 1.24 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 1.67 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया गया है।

प्रदेश के 49 गौठानों में गोबर से पेंट तैयार करने की इकाई स्वीकृत की गई है जिसमें से 34 इकाईयां की स्थापना की जा चुकी है। 32 इकाई मेें पेंट का उत्पादन किया जा रहा है। इन इकाईयों से 87 हजार 8 सौ 27 लीटर पेंट की उत्पादन किया गया है तथा 47 हजार 5 सौ 47 लीटर पेंट के बिक्री से 97.08 लाख रूपये की आय अर्जित की गई है। राज्य के 33 जिलों के गौठानों में 20.20 लाख क्विंटल पैरा और 7 हजार 8 सौ 59 गौठानों में पानी की व्यवस्था की गई है।

गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को अब तक लगभग 439 करोड़ 73 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में 15 अप्रैल 2023 तक गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से आज की राशि अंतरण के पश्चात क्रय किए गए गोबर के एवज में 224 करोड़ 68 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। वहीं गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को आज किये गये 1.81 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद 192.65 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है।

इस अवसर पर वर्चुअल रूप से वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा एवम विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री कमलप्रीत सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

गौठानों में 30.56 लाख क्विंटल कम्पोस्ट खाद का उत्पादन

 गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो में क्रय किए जा रहे गोबर से महिला समूहों द्वारा अब तक कुल 30 लाख 56 हजार 184 क्विंटल कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है, जिसमें 24 लाख 89 हजार 229 किवंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 48 हजार 31 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद शामिल है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमश: 10 रूपए, 6 रूपए तथा 6.50 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है।

गौठानों में उत्पादित कम्पोस्ट में से 18 लाख 89 हजार 488 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 3 लाख 94 हजार 544 क्विंटल सुपर कम्पोस्टर तथा 3276 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट का विक्रय हो चुका है। राज्य के 6581 गौठानों में फिलहाल 6 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार है, जिसके विक्रय के लिए पैकेजिंग की जा रही है। गौठानों में गोबर से खाद के अलावा महिला समूह गो-काष्ठ, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 122 करोड़ 52 लाख रूपए की आय हो चुकी है। राज्य में गौठानों से 14,150 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 1,66,928 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन किया जा रहा है।

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