हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर के लिए ऑन डिमांड श्रेणी में आवेदन आमंत्रित
29 अप्रैल 2025, उमरिया: हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर के लिए ऑन डिमांड श्रेणी में आवेदन आमंत्रित – सहायक कृषि यंत्री ने बताया कि नरवाई के समुचित प्रबंधन के लिए संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी, मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषकों को ई-कृषि अनुदान डी.बी.टी. पोर्टल के माध्यम से हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है। जिले के किसान वर्तमान में ऑन डिमाण्ड के माध्यम से www.dbt.mpdage.org पोर्टल पर आवेदन कर सकते है। इच्छुक कृषक 4500 रुपये का डिमाण्ड ड्राफ्ट के रूप में सहायक कृषि यंत्री उमरिया के नाम से बनाकर पोर्टल पर आवेदन कर सकते है। जिसमें हैप्पी सीडर पर अनुदान की अधिकतम राशि 81 हजार 400 रुपये एवं सुपर सीडर पर अनुदान की अधिकतम राशि 1 लाख 20 हजार रुपये है।
कृषक हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर का उपयोग करके धान, मूंग, गेहूं, सोयाबीन की कटाई के उपरांत सीधी बोनी कर सकते है। जिसमें एक ही यंत्र से खडी नरवाई के खेत में जुताई करते हैं, (फर्टी सीड ड्रिल) खाद के साथ बीज की बुवाई करने का काम करता है। किसान हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर कृषि यंत्र की मदद से रवी एवं खरीफ फसलों की बुआई कर सकते है, जिससे बुवाई लागत में कमी आएगी और नरवाई या पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी। अधिक से अधिक किसान इस उन्नत तकनीक का लाभ उठा सकें, इसके लिए सरकार हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर कृषि यंत्र पर अनुदान प्रदान कर रही है।
नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति होती है । कम खेतों में नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है। नरवाई जलाने से भूमि में मौजूद केंचुआ एवं लाभदायक सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है। जैविक खाद निर्माण बंद हो जाता है और मिट्टी की उत्पादन क्षमता भी गिर जाती है, जिसमें फसल उत्पादन प्रभावित होता है। जिले के किसानों से अपील की गई है कि नरवाई प्रबंधन के लिए हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर जैसी तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग करें।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: