विदिशा जिले के कृषि आदान विक्रेताओं ने जाना जवाहर जैव उर्वरक के विभिन्न उत्पाद
कृषि के डिप्लोमा प्राप्त कर रहे आदान विक्रेताओं ने जाना कृषि की नवीन तकनीकी
21 सितम्बर 2022, जबलपुर: विदिशा जिले के कृषि आदान विक्रेताओं ने जाना जवाहर जैव उर्वरक के विभिन्न उत्पाद – जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन की सद्प्रेरणा एवं डॉ. एन. जी. मित्रा, विभागाध्यक्ष के मार्गदर्शन में संचालित जवाहर जैव उर्वरक केन्द्र (सूक्ष्मजीव अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र) में कृषि महाविद्यालय गंज बासौदा में संचालित डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फॉर इनपुट, डीलर (देशी) डिप्लोमा कोर्स जो कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कृषि आदान विक्रेताओं के लिये मैनेज, हैदराबाद के सौजन्य से 48 सप्ताह (1 वर्ष) का देशी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है। इसी डिप्लोमा कोर्स के अन्तर्गत डॉ. राजमोहन शर्मा, सहायक प्राध्यापक एवं श्री घनश्याम जामलिया के साथ 35 डिप्लोमा कोर्स कर रहे, कृषि आदान विक्रेताओं ने विश्वविद्यालय के जवाहर जैव उर्वरक केन्द्र का भ्रमण किया। इस दौरान केन्द्र के वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ. शेखर सिंह बघेल ने केन्द्र में हो रहे विभिन्न जैविक आदान, कृषकों के हितार्थ उपयोगी 16 प्रकार के बायोफर्टिलाईजर (जवाहर राईजोबियम, जवाहर एसीटोबेक्टर, जवाहर एजोस्पिरिलम, जवाहर ट्राईकोडर्मा, जवाहर एजोटोबेक्टर, जवाहर बी.जी.ए., जवाहर के.एस.बी., जवाहर माईकोराइजा, जवाहर पी.एस.बी., जवाहर जेड.एस.बी., जवाहर स्यूडोमोनास, जवाहर बॉयोफर्टिसॉल, जवाहर ई.एम., जवाहर, जैव विघटक-1 जवाहर जैव विद्यटक-2, जवाहर बैक्टोबूस्टर) के उत्पादन एवं फसलांे में उपयोग कैसे करें, आदि की विस्तार से जानकारी दी। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. राकेश साहू ने जैविक उत्पादों की उत्पादन तकनीक एवं गुणवत्ता के समस्त मानकों की विस्तार से जानकारी दी।
जवाहर जैव उर्वरक कम लागत, उच्च गुणवत्ता के साथ ही पर्यावरण हितैषी उत्पाद है, जो जैविक खेती हेतु विभिन्न फसलों, फलदार पौधों व सब्जियों को खेती में उपयोग किया जाता हैं। भ्रमण के द्वारा केन्द्र के श्री बबलू यदुवंशी, श्री विकास पटेल की उल्लेखनीय भूमिका रही। भ्रमण टीम ने विश्वविद्यालय के औषधीय उद्यान, कृषि अभियांत्रिकी प्रयोगशाला, एटिक सेंटर, धान एवं सोयाबीन प्रक्षेत्र का भ्रमण किया।
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