राज्य कृषि समाचार (State News)

हरियाणा में नहीं बढ़ा कृषि बिजली टैरिफ, घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों में भी राहत : अनिल विज

28 जून 2025, चंडीगढ़: हरियाणा में नहीं बढ़ा कृषि बिजली टैरिफ, घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों में भी राहत : अनिल विज – हरियाणा में बिजली बिलों को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राज्य के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया है कि कृषि उपभोक्ताओं के टैरिफ में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और घरेलू उपभोक्ताओं के अधिकांश बिलों में बीते वर्षों की तुलना में कमी दर्ज की गई है। हालांकि कुछ श्रेणियों में मामूली बढ़ोतरी भी देखने को मिली है।

क्या सच में बिल चार गुना बढ़ा?

ऊर्जा मंत्री विज ने दावा किया कि कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि बिजली बिल चार गुना तक बढ़ गए हैं, जबकि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया गया है जिससे इतनी अधिक वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि 94 प्रतिशत उपभोक्ता जो श्रेणी-I और श्रेणी-II में आते हैं, उनके बिलों में 2014-15 की तुलना में कमी आई है।

किसे कितना फायदा या नुकसान?

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि श्रेणी-1 (2 किलोवाट तक कनेक्टेड लोड और 100 यूनिट तक मासिक खपत) के उपभोक्ताओं के बिलों में 2014-15 की तुलना में 49 से 75 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वहीं, श्रेणी-2 (5 किलोवाट तक कनेक्टेड लोड) के उपभोक्ताओं के लिए 2024-25 की तुलना में बिलों में 3 से 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन 2014-15 की तुलना में अधिकांश बिलों में कमी ही देखी गई है। कुल मिलाकर, श्रेणी-1 और श्रेणी-2 में 94 प्रतिशत उपभोक्ता आते हैं।

श्रेणी-3 के उपभोक्ताओं के लिए बिलों में 2024-25 की तुलना में 5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन यह श्रेणी केवल 6 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को कवर करती है। विज ने कहा, “हमने सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) को समाप्त कर दिया है।”

कृषि उपभोक्ताओं के लिए कोई बदलाव नहीं

कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें पहले की तरह ही हैं। मीटर्ड कनेक्शन पर 10 पैसे प्रति यूनिट और फ्लैट रेट पर 15 रुपये प्रति बीएचपी प्रतिमाह की दर लागू है। मीटर्ड कनेक्शनों के लिए MMC को भी कम कर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से अधिक) कर दिया गया है।

पड़ोसी राज्यों से तुलना

विज के अनुसार, हरियाणा में LT (लो टेंशन) और HT (हाई टेंशन) दोनों श्रेणियों में बिजली टैरिफ पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम है। हरियाणा में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज 0 से 75 रुपये प्रति किलोवाट और अधिकतम ऊर्जा शुल्क 7.50 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि पड़ोसी राज्यों में फिक्स्ड चार्ज 110 रुपये प्रति किलोवाट और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये प्रति यूनिट तक है।

HT उपभोक्ताओं के लिए 2024-25 से 2025-26 तक टैरिफ में 7 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि LT श्रेणी में यह वृद्धि 4 से 7 प्रतिशत के बीच है। पड़ोसी राज्यों में LT उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज 450 रुपये प्रति किलोवाट और HT के लिए 475 रुपये प्रति किलोवाट तक है, जबकि ऊर्जा शुल्क क्रमशः 8.95 और 7.75 रुपये प्रति यूनिट तक है।

सात साल बाद टैरिफ में संशोधन

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के 28 मार्च 2025 के आदेश के अनुसार, अप्रैल 2025 से बिजली टैरिफ में संशोधन लागू किया गया है। यह 2017-18 के बाद पहली टैरिफ वृद्धि है। विज ने बताया कि पिछले एक दशक में बिजली खरीद लागत और परिचालन खर्च बढ़ने के बावजूद, परिचालन दक्षता और वित्तीय अनुशासन के कारण टैरिफ को लंबे समय तक स्थिर रखा गया।

पिछले दस वर्षों में, हरियाणा में समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (AT&C) नुकसान को 29 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत तक लाया गया है, जो बिजली वितरण में सुधार का संकेत है।

विज ने उपभोक्ताओं से बिजली बिलों की तुलना पिछले वर्ष के समान महीने से करने की सलाह दी, क्योंकि यह खपत पैटर्न को बेहतर ढंग से दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा की बिजली कंपनियां (डिस्कॉम) निरंतर, निर्बाध, और उपभोक्ता-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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