उज्जैन में अ भा कृषक परिषद का 68वां सम्मेलन संपन्न
28 मार्च 2025, उज्जैन: उज्जैन में अ भा कृषक परिषद का 68वां सम्मेलन संपन्न – उज्जैन में अखिल भारतीय कृषक परिषद का 68 वां सम्मेलन भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजयवीर जाखड़ की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रांताध्यक्ष श्री अरुण यादव,उपाध्यक्ष श्री अंडू गौडर, श्री के के अग्रवाल, श्री मुरलीधर पाटिल, श्री लोकेन्द्र सिंह और कार्यक्रम संयोजक श्री अजय चौरड़िया सहित बड़ी संख्या में किसान प्रतिनिधि एवं कृषि विशेषज्ञ मौजूद थे। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रांतों से आए प्रमुख किसान प्रतिनिधियों एवं कृषि विशेषज्ञों ने किसानों की समस्याओं पर गहन चर्चा एवं विचार विमर्श किया कर एक स्वर में सरकार से मांग की, कि उनकी मांगों को ध्यान में रखकर ही कृषि नीतियों का निर्धारण एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

कृषि का बजट बढ़ाएं – कृषक प्रतिनिधियों ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से नीचे किसान का उत्पाद न बिक पाए, इसके लिए एम एस पी पर खरीद की गारंटी की मांग के इतर अब सरकार द्वारा एमएसपी से अधिक कीमत में खरीद पर व्यापारियों पर कार्यवाही करने तथा व्यापारियों को उत्पाद बिक्री पर किसान का कर्ज व्यापारियों द्वारा वसूल करने के सरकार के निर्णय को किसान विरोधी बताया। गांव, खेत और किसान के लिए केंद्र एवं प्रांत सरकारों का इस 65 प्रतिशत आबादी के लिए बजट के आवंटन को अपर्याप्त बताते हुए किसानों के बजट मे प्रति वर्ष कटौती पर भी चिंता व्यक्त की गई , क्योंकि इससे न तो किसान के उत्पाद की समर्थन मूल्य पर पर्याप्त खरीद संभव है और ना ही खेती के आदानों , खाद, बीज, बिजली, सिंचाई हेतु पानी की, मांग के अनुरूप पूर्ति ही संभव होगी । खेती की लागत अप्रत्याशित रूप से दिन प्रति दिन बढ़ रही है, लेकिन सरकार ध्यान ही नहीं दे रही है। कृषि का बजट बढ़ाए बिना किसानों की समृद्धि की कल्पना बेमानी है।
विभिन्न विषयों पर चर्चा का ड्राफ्ट सरकार को सौपेंगे – सम्मेलन में समर्थन मूल्य की गणना में फसलों की लागत मूल्य का आकलन व समावेश का एसी चैम्बर में बैठकर अधिकारियों द्वारा तथ्यों व वास्तविकता से कोसों दूर, मनमाने ढंग से किये जाने का भी विरोध किया गया। इस अवसर पर जबलपुर जिले के कृषकों द्वारा तैयार की गई विभिन्न फसलों की लागत मूल्य गणना, जिसे म. प्र. के लगभग 500 किसानों एवं विशेषज्ञों से वास्तविक लागत का फीडबैक लेकर तैयार किया गया है , कि प्रकाशित बुकलेट भेंट की गई। सम्मेलन में किसान पर लगने वाले उत्पाद टैक्स को समाप्त करने, फसल बीमा की खामियों पर प्रकाश डालते हुए इसमें सुधार की मांग की, मूलधन से ज्यादा ऋण की वसूली न किये जाने, जैविक खेती के लिए नीतियाँ बनाने, किसान के लिए पेंशन योजना लागू करने, किसान की न्यूनतम आय सुनिश्चित करने, किसान आय आयोग के गठन, सब्जियों का भी एम एस पी निर्धारित करने, आयात – निर्यात नीति, आदि विषयों पर चर्चा की गई तथा तदनुसार एक रिपोर्ट/ ड्राफ्ट तैयार किया गया जिसे केंद्र एवं प्रदेश सरकार को सौंपने का निर्णय लिया गया।
विभिन्न व्यक्तियों ने विचार रखे –सम्मेलन को समाज के प्रांताध्यक्ष श्री अरुण यादव (खरगोन), श्री भारत सिंह (भिंड), श्री नरेन्द्र यादव (दतिया), जितेंद्र देसी (जबलपुर), महाराष्ट्र से डॉ वसंत लुंगे पाटिल (अमरावती), पंजाब से श्री बलविंदर सिंह, श्री मनमोहन सिंह, श्री के एल चावला, छतीसगढ़ से श्री रमेश तिवारी (दुर्ग), श्री कमल लोचन प्रधान, उड़ीसा से श्रीमती चित्रलेखा मोहन्ती , तमिलनाडु से श्री अंडू गौडर, श्री राम रंजन, कर्नाटक से श्री हजारी, तेलंगाना से श्री गंगाराम नोवला, उत्तर प्रदेश से श्री विजय दीक्षित (कानपुर) हरियाणा से श्री चांदवीर, राजस्थान से श्री मूलचंद बेमोहित, श्री प्रभु दयाल जाखड़ आदि ने अपने विचार रखे। जबलपुर से सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में विशेष रूप से इंजी. श्री के के अग्रवाल, श्री रामगोपाल पटेल, इंजी. श्री व्ही के पंड्या, श्री जितेंद्र देसी, श्रीमती लक्ष्मी पंड्या, श्री मुकेश पटेल, श्री विपेन्द्र राजपूत, श्री अशोक पटेल, श्री रितिक बर्मन, श्री गणेश पटेल और श्री बच्चू पटेल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कृषक समाज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजी. के के अग्रवाल के किया।
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