1522 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा चुका है
30 जुलाई 2025, भोपाल: 1522 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा चुका है – किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल शुरू किया गया है। पोर्टल के माध्यम से किसान सीधे ऑनलाइन अपनी उपज बेच सकते हैं।
राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि 30 जून 2025 तक 1522 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि 30 जून 2025 तक पोर्टल पर कुल 1,79,41,613 किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं 2,67,719 व्यापारी और 4,518 किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने बताया कि आज तक ई-नाम पोर्टल पर कारोबार की गई कृषि उपज का कुल मूल्य 4,39,941 करोड़ रुपए है।
सीधे खरीदारों को अपनी उपज बेचने में सक्षम बनाता है
सरकार के मुताबिक ई-नाम किसानों को बिचौलियों के बिना, सीधे खरीदारों को अपनी उपज बेचने में सक्षम बनाता है। जिससे किसानों को पारदर्शिता के साथ बेहतर मूल्य दिलाने में मदद होती है। यह प्लेटफ़ॉर्म व्यापक बाजारों, वास्तविक समय मूल्य निर्धारण जानकारी और ई-भुगतान प्रणालियों तक पहुँच प्रदान करता है, जिससे किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त होता है। गुणवत्तापूर्ण ग्रेडिंग और प्रतिस्पर्धी बोली की सुविधा प्रदान करके, ई-नाम किसानों को सजग निर्णय लेने और अपने लाभ को अधिकतम करने में सक्षम बनाता है। ई-नाम प्लेटफार्म विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के थोक विनियमित बाजारों को एकल ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म में एकीकृत करता है। यह एकसमान गुणवत्ता मानकों और सामंजस्यपूर्ण व्यापार पद्धतियों को बढ़ावा देता है। यह प्लेटफॉर्म पारदर्शिता और निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करता है तथा किसानों के लिए बाजार पहुँच बढ़ाता है और कुशल लॉजिस्टिक्स और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देता है। राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, मंडियों को मंजूरी दी गई और उन्हें ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: