कृषि आदानों की उपलब्धता के लिए मिलकर काम करेंगे : श्री तोमर
खरीफ अभियान -2022 पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- (नई दिल्ली कार्यालय)
25 अप्रैल 2022, कृषि आदानों की उपलब्धता के लिए मिलकर काम करेंगे : श्री तोमर –खरीफ अभियान 2022-23 पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि द्वितीय अग्रिम आकलनों (2021-22) के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3160 लाख टन अनुमानित है जो एक सर्वकालिक रिकॉर्ड होगा। दलहन और तिलहन का उत्पादन क्रमश: 269.5 तथा 371.5 लाख टन होगा। तृतीय अग्रिम आकलनों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान बागवानी उत्पादन 3310.5 लाख टन होगा जो भारतीय बागवानी क्षेत्र के लिए सर्वकालिक उच्चतम है। श्री तोमर ने कहा कि किसानों के लिए इनपुट लागतों में कमी लाने के लिए केंद्र तथा राज्य कीटनाशकों तथा बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिल कर काम करेंगे। उन्होंने घोषणा की कि सरकार प्राकृतिक तथा जैविक कृषि पर जोर देना जारी रखेगी।
खाद्यान्न का लक्ष्य 3280 लाख टन निर्धारित
सम्मेलन में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न का राष्ट्रीय लक्ष्य चालू वर्ष के दौरान 3160 लाख टन के अनुमानित उत्पादन की तुलना में 3280 लाख टन निर्धारित किया गया है। दलहन तथा तिलहन के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न का राष्ट्रीय लक्ष्य क्रमश: 295.5 लाख टन एवं 413.4 लाख टन निर्धारित किया गया है। पोषक अनाजों के उत्पादन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2021-22 के 115.3 लाख टन से बढ़ा कर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 205 लाख टन कर दिया गया है। सचिव कृषि श्री मनोज आहुजा ने कहा कि देश में वित्त वर्ष 2015-16 से ही खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी का रुझान बना हुआ है। पिछले 6 वर्षों के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन 25 प्रतिशत बढक़र 251.54 मिलियन टन से 316.01 मिलियन टन हो गया है।
दलहन-तिलहन पर फोकस
खरीफ सीजन में फसल प्रबंधन के लिए कार्यनीतियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति देते हुए कृषि आयुक्त डॉ. ए. के. सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा सही समय पर किए गए उपायों के करण देश ने खाद्यान्नों, तिलहनों तथा बागवानी उत्पादन में सर्वकालिक ऊंचाई दर्ज कराई है। अब विशेष फोकस तिलहनों, दलहनों तथा पोषक अनाजों पर दिया जा रहा है। अपर सचिव कृषि, आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों ने राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। गुजरात, असम, कर्नाटक तथा उत्तर प्रदेश राज्यों ने अपनी प्रगति साझा की। मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल ने खरीफ के लिए प्रदेश की मांग एवं आपूर्ति के संबंध में प्रस्तुत दी।
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