केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा- बायोस्टिमुलेंट के मामले में किसानों के साथ धोखा नहीं होने देंगे
18 जुलाई 2025, नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा- बायोस्टिमुलेंट के मामले में किसानों के साथ धोखा नहीं होने देंगे – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार बायोस्टिमुलेंट के मामले में किसानों के साथ किसी भी हालत में धोखा नहीं होने देगी। बता दें कि उन्होंने हाल ही में बायोस्टिमुलेंट और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
सख्त रवैये के साथ शिवराज सिंह ने कहा कि बायोस्टिमुलेंट के मामले में हम किसानों के साथ किसी भी हालत में धोखा नहीं होने देंगे। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे कोई भी अनुमति देते समय किसानों की सूरत को ध्यान में रखें, हम देश के छोटे किसानों के साथ किसी भी हालत में अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि कुछ बेईमान गड़बड़ियां कर रहे हैं, जिनसे किसानों को बचाना मेरी जवाबदारी है।
चौहान ने कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान जब वे राज्यों में प्रवास कर गांव-गांव, खेतों में गए थे और किसानों से सीधा संवाद किया था, इस दौरान कई किसानों ने नकली खाद, नकली बीज, नकली उर्वरक, बायोस्टिमुलेंट तथा नैनो यूरिया की बिक्री को लेकर शिकायतें की थी। उन्होंने बैठक में कहा कि भोले-भाले किसानों से शिकायतें मिलने के बाद मैं चुप नहीं बैठ सकता, किसान सर्वोपरि हैं। देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरी जवाबदारी है कि इस संबंध में कार्रवाई करूं।
समीक्षा करना आवश्यक
शिवराज सिंह ने अनेक गंभीर सवाल खड़े करते हुए बैठक में अधिकारियों से कहा कि देश में बायोस्टिमुलेंट कई सालों से बिक रहा है और एक-एक साल करके इसकी बिक्री की अनुमति की अवधि बढ़ाई जाती रही है, लेकिन फील्ड से कई बार शिकायतें आती है कि इससे कोई फायदा नहीं है, फिर भी ये बिक रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसकी पूरी समीक्षा करना आवश्यक है कि इससे कितना फायदा किसानों को हो रहा है, यदि नहीं तो बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। बिना अर्थ के हजारों कंपनियां इसकी बिक्री करने लग गई, लेकिन कृषि मंत्री होते हुए अब मैं किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने दूंगा।
शिवराज सिंह ने विस्तार से समीक्षा की और पूरी जानकारी के साथ सख्त लहजे में मौजूद अफसरों से कहा वह कंपनियों की नहीं, किसानों की चिंता करें और किसान हित में काम करें। उन्होंने पूछा कि क्या कोई ऐसा डाटा है कि जिससे यह पता चले कि बायोस्टिमुलेंट से उत्पादन कितना बढ़ा है।सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि अब उन्हीं बायोस्टिमुलेंट को अनुमति दी जाएगी, जो सारे मापदंडों पर किसान हित में खरे उतरे हैं। वैज्ञानिक तरीके से प्रमाणित होने पर ही अब अनुमति दी जाएगी और इसकी पूरी जवाबदारी संबंधित अधिकारियों की रहेगी।
आगे से कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएं
उन्होंने कहा कि जो सही है, अब उन्हें ही अनुमति दी जाएगी। उन्होंने सख्त निर्देशों के साथ यह चेतावनी भी दी कि आगे से कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएं। देश के किसान हम पर पूरा भरोसा करते हैं, आईसीएआर पर किसान भरोसा करते हैं, तो हमारी और वैज्ञानिकों की भी जवाबदारी है कि वे किसानों की भलाई की बात ही सोचें। किसानों की जरूरत क्या है, उसके अनुसार ही वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को कार्य करना चाहिए। अंत में चौहान ने नियम-कायदे तय करते हुए एसओपी बनाने के निर्देश भी बैठक में दिए।
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