केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ 2021 के लिए एमएसपी को मंजूरी दी
10 जून 2021, नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ 2021 के लिए एमएसपी को मंजूरी दी – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने वर्ष 2021 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को स्वीकृति दे दी है।
बीते साल की तुलना में सबसे ज्यादा तिल यानी सेसामम (452 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके बाद तुअर व उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) के एमएसपी में बढ़ोतरी की सिफारिश की गई। मूंगफली और नाइजरसीड के मामले में, बीते साल की तुलना में क्रमशः 275 रुपये और 235 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। मूल्यों में इस अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है।
सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार है : | |||||
फसल | एमएसपी 2020-21 | एमएसपी 2021-22 | उत्पादन की लागत* 2021-22 (रुपये/ क्विंटल) | एमएसपी में बढ़ोतरी (पूर्ण) | लागत पर रिटर्न (प्रतिशत में) |
धान (सामान्य) | 1868 | 1940 | 1293 | 72 | 50 |
धान (ग्रेड ए)^ | 1888 | 1960 | – | 72 | – |
ज्वार (हाइब्रिड) (हाइब्रिड) | 2620 | 2738 | 1825 | 118 | 50 |
ज्वार (मलडंडी)^ | 2640 | 2758 | – | 118 | – |
बाजरा | 2150 | 2250 | 1213 | 100 | 85 |
रागी | 3295 | 3377 | 2251 | 82 | 50 |
मक्का | 1850 | 1870 | 1246 | 20 | 50 |
तुअर (अरहर) | 6000 | 6300 | 3886 | 300 | 62 |
मूंग | 7196 | 7275 | 4850 | 79 | 50 |
उड़द | 6000 | 6300 | 3816 | 300 | 65 |
मूंगफली | 5275 | 5550 | 3699 | 275 | 50 |
सूरजमुखी के बीज | 5885 | 6015 | 4010 | 130 | 50 |
सोयाबीन (पीली) | 3880 | 3950 | 2633 | 70 | 50 |
तिल | 6855 | 7307 | 4871 | 452 | 50 |
नाइजरसीड | 6695 | 6930 | 4620 | 235 | 50 |
कपास (मध्यम रेशा) | 5515 | 5726 | 3817 | 211 | 50 |
कपास (लंबा रेशा)^ | 5825 | 6025 | – | 200 | – |
इसका मतलब समग्र लागत से है, जिसमें मानव श्रम, बैल श्रम, मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी उपयोग की गई सामग्रियों पर व्यय, सिंचाई शुल्क, उपकरण और कृषि भवन पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेट आदि चलाने के लिए डीजल/बिजली आदि पर व्यय, मिश्रित खर्च और पारिवारिक श्रम के मूल्य को शामिल किया जाता है।
^ धान (ग्रेड ए), ज्वार (मलडंडी) और कपास (लंबे रेशे) के लिए लागत के आंकड़े को अलग से शामिल नहीं किया गया है।
किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे ज्यादा अनुमानित रिटर्न बाजरा (85 प्रतिशत) पर, उसके बाद उड़द (65 प्रतिशत) और तुअर (62 प्रतिशत) होने की संभावना है। बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न होने का अनुमान है।