राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर द्वारा चित्रकूट अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एसडीजी वेबसाइट लांचिंग

15 अप्रैल 2022, चित्रकूट: संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों पर, चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित प्रथम त्रिदिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शुक्रवार को दीनदयाल परिसर के विवेकानंद सभागार में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय एवं म.प्र. व उ.प्र. सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र की संस्था हेल्थ इनोवेशन एक्सचेंज- यूएनएड्स के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री तोमर ने कहा कि भारत ने दुनिया को अनेक विधाएं दी है- अंकगणित, जीरो आदि इसके उदाहरण हैं। हमारे पास सब कुछ था, तभी भारत में लुटेरे आए लेकिन कहीं न कहीं कुछ कमी थी, जो सतत विकास के लक्ष्य आज आजादी के अमृत महोत्सव तक भी पूरे नहीं हो सके।

Advertisement
Advertisement

श्री तोमर ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट में आना हम सभी को अच्छा लगता है, क्योंकि यहां धरा की पावनता ऐसी है, यह श्रद्धा का केंद्र है। चित्रकूट में श्री नानाजी देशमुख ने दीनदयाल शोध संस्थान केंद्र स्थापित किया।श्रद्धेय नानाजी हमारे बीच नहीं है परंतु उनकी संवेदनाएं, ग्राम विकास कार्यों के लक्ष्य व चुनौतियों का सामना करने की दृढ़ता हमारे समक्ष है। यह क्षेत्र दुर्गम-दूरस्थहै लेकिन यहां सतत विकास लक्ष्यों के लिए कार्य हो रहा है। चित्रकूट क्षेत्र में राज्य सरकार, दीनदयाल शोध संस्थान व अन्य संस्थाएं समस्याओं सुलझाने के लिए काम कर रही हैं। नानाजी का कथन था “मैं अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हूं, अपने वे हैं जो पीड़ित व उपेक्षित हैं”। चित्रकूट व गोंडा के प्रकल्प नानाजी की दूरदृष्टि का परिणाम है। नानाजी का संकल्प गांवों में परिलक्षित होता दिखाई देता है, उसमें पं. दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन का समग्र चिंतन निहित है। पंडित दीनदयाल जी ने अंत्योदय की बात कही थी।

महत्वपूर्ण खबर: समर्थन मूल्य से नीचे गेहूं की खरीदी

Advertisement8
Advertisement

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश राज्यनीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्षडा. सचिन चतुर्वेदी ने मुख्य उद्बोधन में कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से भारत के विकास का नया खाका तैयार होगा। वर्ष 2014 के पश्चात संयुक्त राष्ट्र ने यह प्रस्ताव रखा था, जिस पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने न्यूयॉर्क में हस्ताक्षर किए थे। विकास के सतत लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय विकास को बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं। देश में वर्ष 2014 से विशेष रूप से उद्यमिता विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान देश डटकर मुकाबला कर सका। सभी संस्थाएं आपस में मिलकर सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्य कर रही है।

Advertisement8
Advertisement

इस अवसर पर सतना के सांसद श्री गणेश सिंह, चित्रकूट-बांदा के सांसद श्री आर.के. सिंह पटेल, राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो एवं दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव श्री अतुल जैन, सेमिनार के संयोजक श्री बसंत पंडित भी विशेष रूप से उपस्थित थे, जिन्होंने अपने उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम में श्री तोमर ने एसडीजी लक्ष्यों की संपूर्ण जानकारी के लिए एसडीजी इंटरवेंशन डॉट ओआरजी नाम से वेबसाइट लांच की।इस अवसर पर दक्षिण एशिया में एसडीजी का काम देख रहीं डॉ. नित्या केमकर लंदन ऑनलाइन जुड़ी, वहीं एसडीजी को आगे बढ़ाने में कार्यरत डॉ. काकोली घोष (एफओए, रोम)ने भी ऑनलाइन उद्बोधन दिया। श्री एरिक सोलहेम (पेरिस)व श्री शोम्बी शार्प (संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर) का भाषण भी आभासी माध्यम से हुआ। कार्यक्रम में देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों के पदाधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन तथा अधिकारी भी उपस्थित थे।

Advertisements
Advertisement5
Advertisement