केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गन्ना अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय परामर्श सत्र को किया संबोधित
किसानों और इंडस्ट्री की मांगों के अनुरूप ही रिसर्च का मतलब : शिवराज सिंह चौहान
01 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गन्ना अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय परामर्श सत्र को किया संबोधित – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि अनुसंधान तभी सार्थक है जब उसका सीधा फायदा किसानों को मिले। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से गन्ना अनुसंधान के लिए अलग टीम गठित करने को कहा, जो गन्ने की नीतियों और किसानों की व्यावहारिक समस्याओं पर काम करेगी।
पूसा परिसर में आयोजित “गन्ना अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय परामर्श सत्र” को भोपाल से वर्चुअल संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि गन्ने की नई किस्मों में चीनी की मात्रा तो बेहतर है, लेकिन रोग बड़ी चुनौती हैं। मोनोक्रॉपिंग से मिट्टी की उर्वरता और उत्पादन प्रभावित होता है, इसलिए इंटरक्रॉपिंग और रोग-प्रतिरोधी किस्मों पर रिसर्च जरूरी है।
उन्होंने लागत घटाने, उत्पादन बढ़ाने, मैकेनाइजेशन और पानी की बचत पर जोर देते हुए कहा कि ‘पर ड्रॉप-मोर क्रॉप’ सोच को आधार बनाना होगा। चौहान ने कहा कि एथेनॉल, मोलासेस और अन्य बायो-प्रोडक्ट्स से किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने चीनी मिलों से समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और किसानों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। साथ ही कहा कि प्राकृतिक खेती और बायो-प्रोडक्ट्स को भी उर्वरक संकट के समाधान के रूप में देखा जा सकता है।
कार्यक्रम में आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट सहित अनेक विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।
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