राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

डेयरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियां बनेंगी: श्री शाह

28 मई 2025, नई दिल्ली: डेयरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियां बनेंगी: श्री शाह – केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारी डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सक्र्युलैरिटी विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल सिंह गुर्जर और श्री मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, डेयरी और पशुपालन विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह और नाबार्ड के अध्यक्ष श्री शाजी केवी भी शामिल हुए। बैठक में सहकारी डेयरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहुराज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना का निर्णय लिया गया। पहली समिति पशु आहार निर्माण, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान पर काम करेगी, दूसरी गोबर प्रबंधन के मॉडल विकसित करेगी, और तीसरी मृत मवेशियों के अवशेषों के सक्र्युलर उपयोग को बढ़ावा देगी।

बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब हम श्वेत क्रांति 2.0 की ओर अग्रसर हैं, तो हमारा लक्ष्य केवल डेयरी सहकारिता का विस्तार करना और उन्हें दक्ष एवं प्रभावी बनाना ही नहीं होना चाहिए बल्कि डेयरी के एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहिए जो सतत हो और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता हो। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की आय में वृद्धि करनी है तो हमें एकीकृत सहकारिता के नेटवर्क का सृजन करना होगा जहां अधिकांश कार्य पारस्परिक सहयोग और सहकारिताओं के बीच में ही हो।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने सहकारिता के उन्नयन के लिए कार्य कर रही राष्ट्रीय संस्थाओं जैसे राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, नाबार्ड इत्यादि की सराहना की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में इनके परस्परिक सहयोग से निश्चित रूप से सहकारिता को बल मिलेगा और किसान केन्द्रित योजनाओं को पूरे भारत वर्ष में लागू किया जा सकेगा।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements