पशुपालकों के लिए वरदान बने ये 3 मोबाइल ऐप, पशुओं की सेहत से लेकर उत्पादन तक मिलेगी पूरी जानकारी
20 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: पशुपालकों के लिए वरदान बने ये 3 मोबाइल ऐप, पशुओं की सेहत से लेकर उत्पादन तक मिलेगी पूरी जानकारी – भारत में बड़ी संख्या में किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी निर्भर हैं। दूध उत्पादन, नस्ल सुधार और पशुओं की सेहत किसानों की आय का अहम आधार है। बदलते समय के साथ अब पशुपालन में भी डिजिटल तकनीक की भूमिका बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ऐसे मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं, जिनकी मदद से पशुपालक घर बैठे पशुओं की देखभाल, बीमारी की पहचान, इलाज और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ये ऐप पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।
ई-गोपाला ऐप: पशुपालकों का डिजिटल साथी
केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया ई-गोपाला मोबाइल ऐप पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इस ऐप के जरिए पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य, भ्रूण और उन्नत नस्ल के पशुओं की जानकारी मिलती है। इसके साथ ही पशुओं के आहार प्रबंधन, प्रजनन और स्वास्थ्य से जुड़ी तकनीकी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाती हैं।
ई-गोपाला ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें पंजीकरण के बाद पशुपालक अपने पशुओं का रिकॉर्ड देख सकते हैं और नए पशुओं का पंजीकरण भी करवा सकते हैं। यह ऐप खासतौर पर डेयरी किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक साबित हो रहा है।
‘फुले अमृतकाल’ पशुसल्ला ऐप: गर्मी और तनाव से बचाव में मदद
महाराष्ट्र सरकार द्वारा विकसित ‘फुले अमृतकाल’ पशुसल्ला मोबाइल ऐप पशुओं की देखभाल के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है। यह ऐप पशुओं पर मौसम के प्रभाव, खासकर गर्मी के तनाव को पहचानने और उससे बचाव के उपाय बताता है।
ऐप में स्थान चयन करने पर उस क्षेत्र का तापमान और आर्द्रता की जानकारी मिलती है, जिससे पशुपालक समय रहते आवश्यक कदम उठा सकते हैं। यह ऐप पशुपालकों को वैज्ञानिक सलाह उपलब्ध कराता है, जिससे पशुओं की सेहत बेहतर बनी रहती है और उत्पादन पर नकारात्मक असर नहीं पड़ता।
IVRI Disease Control ऐप: बीमारी पहचान में कारगर
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित IVRI Disease Control ऐप पशुओं में होने वाली बीमारियों की पहचान में मदद करता है। इस ऐप में पशुओं में दिखने वाले लक्षणों के आधार पर संभावित बीमारी और उसके बचाव व उपचार की जानकारी दी जाती है।
यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। थनैला, दुग्ध ज्वर, अफरा, कीटोसिस जैसी कई सामान्य बीमारियों के बारे में इसमें जानकारी मिलती है। पशुपालक इस ऐप की मदद से समय पर बीमारी पहचानकर इलाज करवा सकते हैं, जिससे पशुओं को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है।
पशुपालकों की आय बढ़ाने में मददगार
इन मोबाइल ऐप्स के माध्यम से पशुपालकों को न केवल पशुओं की बेहतर देखभाल में सहायता मिल रही है, बल्कि दूध उत्पादन और नस्ल सुधार में भी लाभ हो रहा है। डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से पशुपालन अब ज्यादा व्यवस्थित, वैज्ञानिक और लाभकारी बनता जा रहा है। सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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