12 साल में कृषि क्षेत्र में आया जबरदस्त बूम: जीवीए बढ़कर 4.87 लाख करोड़ के पार – NSO रिपोर्ट
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने जारी की 2011-12 से 2023-24 की रिपोर्ट, कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि दर्ज
30 जून 2025, नई दिल्ली: 12 साल में कृषि क्षेत्र में आया जबरदस्त बूम: जीवीए बढ़कर 4.87 लाख करोड़ के पार – NSO रिपोर्ट – कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में बीते 12 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र का सकल मूल्य संवर्धन (GVA) 2011-12 के मुकाबले 2023-24 में 225 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 4.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
12 साल में प्रमुख बदलाव – रिपोर्ट की मुख्य बातें:
1. कृषि उत्पादन में ज़बरदस्त वृद्धि
स्थिर मूल्यों पर कुल कृषि उत्पादन (GVO) 2011-12 में 1.9 लाख करोड़ था, जो 2023-24 में बढ़कर 2.9 लाख करोड़ रुपये हो गया — करीब 55% की वृद्धि।
फसल क्षेत्र का इसमें सबसे बड़ा योगदान (54.1%) है।
2. धान और गेहूं का दबदबा
2023-24 में धान और गेहूं ने सभी अनाजों के GVO में लगभग 85% योगदान दिया।
3. फल और सब्जियों की बात करें तो:
केला (47 हजार करोड़) ने पहली बार आम (46.1 हजार करोड़) को पीछे छोड़ा।
आलू का GVO 2011-12 के 21.3 हजार करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 37.2 हजार करोड़ पहुंच गया।
4. फूलों की खेती भी बनी आमदनी का जरिया
2011-12 में फूलों की खेती से GVO 17.4 हजार करोड़ था, जो अब 28.1 हजार करोड़ तक पहुंच गया है।
5. पशुपालन का विस्तार
पशुधन का कुल GVO 2011-12 में 4.88 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 9.19 लाख करोड़ हुआ।
इसमें दूध का योगदान सबसे अधिक रहा, हालांकि हिस्सेदारी 67.2% से घटकर 65.9% हुई।
मांस समूह की हिस्सेदारी बढ़कर 24.1% हो गई।
6. मत्स्य पालन ने भी पकड़ी रफ्तार
इस क्षेत्र की जीवीए में हिस्सेदारी 2011-12 में 4.2% से बढ़कर 2023-24 में 7.0% हो गई।
समुद्री मछलियों का योगदान 42% से बढ़कर 49.8% हो गया, जबकि अंतर्देशीय मछलियों का हिस्सा थोड़ा घटा।
7. मसाले भी बने कमाई का जरिया
2023-24 में मसालों के GVO में मध्यप्रदेश (19.2%) शीर्ष पर रहा, जबकि कर्नाटक (16.6%) और गुजरात (15.5%) दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
कौन से राज्य रहे आगे?
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा ने अनाज उत्पादन के GVO में कुल 53% का योगदान दिया। फल-सब्जी और फूलों की खेती में भी राज्यवार योगदान में पिछले 12 सालों में बड़ा बदलाव देखा गया है।
क्या है इस रिपोर्ट का मतलब किसानों के लिए?
यह रिपोर्ट बताती है कि खेती किस दिशा में बढ़ रही है और किन क्षेत्रों में ज्यादा कमाई के अवसर हैं।
फूलों की खेती, मसाले, दूध, मछली पालन और फलों में नया व्यापार और निर्यात की संभावनाएं हैं।
किसानों को इन उभरते क्षेत्रों में तकनीक और सरकारी योजनाओं से जुड़कर फायदा उठाना चाहिए।
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