राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि में समस्याएं हैं, हम किसानों से संवाद कर समाधान निकालेंगे: शिवराज सिंह चौहान

07 अगस्त 2024, नई दिल्ली: कृषि में समस्याएं हैं, हम किसानों से संवाद कर समाधान निकालेंगे: शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राज्यसभा में कृषि और किसान संबंधी कामकाज पर वक्तव्य देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कांग्रेस पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान-हितैषी नीतियों की प्रशंसा की।

किसानों से संवाद कर समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा

श्री चौहान ने कहा कि कृषि में कई समस्याएं हैं, लेकिन हम किसानों से संवाद कर उनका समाधान निकालेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता में कभी किसान नहीं रहा। पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी ने लाल किले से अपने भाषणों में किसानों और कृषि नीतियों पर कभी विशेष चर्चा नहीं की।

किसानों को मिलेगी डिजिटल पहचान

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह ने बताया कि फसल खराब होने के बाद मुआवजे को लेकर अक्सर गड़बड़ियों का सामना करना पड़ता है। इसके समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की जा रही है। इस मिशन के तहत किसानों को एक डिजिटल पहचान, ‘किसान आईडी’, प्रदान की जाएगी, जिसे भूमि के रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा। इससे फसल के रिकॉर्ड में किसी भी प्रकार की हेराफेरी संभव नहीं होगी। फसल की बुआई के बाद उसकी वीडियोग्राफी मोबाइल से करके सुरक्षित कर दी जाएगी, ताकि फसल के प्रकार में कोई गड़बड़ी न हो सके। फसल नुकसान के आंकलन के लिए रिमोट सेंसिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे नुकसान का सटीक आकलन हो सकेगा।

कृषि के लिए मोदी सरकार का विजन

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के अगले पांच साल के विजन को साझा किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सरकार जलवायु अनुकूल, बायो फोर्टिफाइड नई फसल किस्में तैयार कर रही है। श्री चौहान ने बताया कि सरकार 1500 नई फसल किस्में विकसित कर रही है, जिनमें से 109 किस्में प्रधानमंत्री जी जल्द ही किसानों को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, किसानों को डिजिटल पहचान दी जाएगी और फसल विविधीकरण पर काम किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती को भी सरकार के विजन का हिस्सा बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि ‘वन हेल्थ अप्रोच’ के तहत मानव, पशु, पौधे और पर्यावरण स्वास्थ्य के परस्पर संबंध पर काम किया जा रहा है। 18 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ 100 एक्सपोर्ट ओरिएंटेड बागवानी क्लस्टर विकसित किए जाएंगे और ई-नाम 2.0 का शुभारंभ करते हुए 1500 अतिरिक्त मंडियों का एकीकरण किया जाएगा। तिलहन मिशन के तहत 6800 करोड़ रुपये के निवेश के साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम हो रहा है। 50 हजार गांवों को जलवायु अनुकूल गांव के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है और सूक्ष्म सिंचाई के तहत एक करोड़ 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार मिशन मोड पर जलवायुअनुकूल कृषि पर काम कर रही है और छोटे किसानों के लिए मॉडल फार्म बनाने पर भी बल दे रही है, ताकि वे अधिक लाभ कमा सकें।

संवाद से समाधान की ओर बढ़ेंगे

केंद्रीय कृषि मंत्री ने सभी राजनैतिक दलों से अनुरोध किया कि वे किसानों को केवल वोट बैंक न समझें, बल्कि उन्हें इंसान मानकर व्यवहार करें। उन्होंने राज्य सरकारों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सहकारी संघवाद की भावना का सम्मान करते हुए विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों को बुलाया गया, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों। इस बैठक में कृषि समस्याओं पर चर्चा की गई और उनके समाधान के प्रयास किए गए। मंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों का उद्देश्य किसान और विज्ञान को जोड़ना है, और सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र के कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर वहां के कार्यों में भागीदारी करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि 2047 तक भारत न केवल अपनी जनता के लिए पोषणयुक्त पर्याप्त अन्न, फल और सब्जियां पैदा करेगा, बल्कि दुनिया का फूड बास्केट भी बनेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि में समस्याएं हैं, लेकिन समाधान भी हैं, और हम संवाद के माध्यम से समाधान की दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने किसानों और किसान संगठनों से बात करने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि हम परिश्रम और प्रयत्नों की परिसीमा कर इस देश की कृषि और किसानों के कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

सम्मान निधि से किसान स्वावलंबी और सशक्त हुआ है

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसान स्वावलंबी और सशक्त बने हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने कभी भी किसानों के लिए सीधी मदद की योजना नहीं बनाई, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 6000 रुपये की सहायता प्रदान की। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि खेती और संबंधित विभाग एक दिशा में काम करें। सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि अलग-अलग विभाग, चाहे वे केमिकल फर्टिलाइजर, जल शक्ति, एनिमल हस्बैंडरी, फिशरीज या हॉर्टिकल्चर हों, मिलकर योजना बनाएं और एक दिशा में काम करें ताकि खेती में लाभ को और बढ़ाया जा सके।

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