गांवों में ई-कॉमर्स की रफ्तार: क्या सचमुच मजबूत हो रही है ग्रामीण अर्थव्यवस्था?
07 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: गांवों में ई-कॉमर्स की रफ्तार: क्या सचमुच मजबूत हो रही है ग्रामीण अर्थव्यवस्था? – ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गांवों में ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। मंत्रालय ने 2022 में ‘ई-सारस’ पोर्टल शुरू किया था, जो सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स (SHG) के उत्पादों को ऑनलाइन बेचने का जरिया बना है। यह पहल दीनदयाल अंत्योदय योजना-नेशनल रूरल लाइवलीहुड्स मिशन (DAY-NRLM) का हिस्सा है।
ई-सारस पोर्टल के जरिए अब तक 34 लाख से ज्यादा उत्पाद बिक चुके हैं और 8,000 से अधिक प्रोडक्ट्स 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, मंत्रालय ने गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) के साथ मिलकर ‘सारस कलेक्शन’ नाम से एक स्टोर फ्रंट बनाया है। फ्लिपकार्ट, अमेजन, मीशो और जियोमार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ समझौते भी किए गए हैं, ताकि SHG के कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों के उत्पाद राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सकें।
मंत्रालय ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ भी करार किया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं के SHG उत्पादों को बढ़ावा मिले। कुछ राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं।
ग्रामीण उद्यमियों के सामने चुनौतियां
हालांकि, ग्रामीण उद्यमियों को ई-कॉमर्स अपनाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्रालय ने इन चुनौतियों को स्वीकार किया है और कुछ कदम उठाए हैं। पहली बड़ी समस्या है जागरूकता की कमी- उत्पाद पैकेजिंग, कीमत तय करना, गुणवत्ता और डिलीवरी जैसे मुद्दों पर जानकारी का अभाव। इसके लिए 4,500 से ज्यादा SHG सदस्यों को ट्रेनिंग दी गई है।
दूसरी चुनौती है इंटरनेट कनेक्टिविटी। ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड की पहुंच अभी भी सीमित है। इसके लिए संचार मंत्रालय का भारतनेट प्रोजेक्ट चल रहा है, जो सभी ग्राम पंचायतों को चरणबद्ध तरीके से ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखता है। तीसरी समस्या है लॉजिस्टिक्स। ई-सारस ने 170 SHG से 2,700 से ज्यादा उत्पादों को अपने पोर्टल पर शामिल किया है और फुलफिलमेंट सेंटर से ऑर्डर पूरे कर रहा है।
डिजिटल इंडिया और तकनीकी सहारा
डिजिटल इंडिया पहल के तहत कई स्टार्टअप और इनोवेशन स्कीमें शुरू की गई हैं, जैसे TIDE 2.0, GENESIS और NGIS। भारतनेट प्रोजेक्ट और यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के जरिए 4G सेवाएं दूरदराज के गांवों तक पहुंचाई जा रही हैं। ये कदम गांवों में ई-कॉमर्स को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं।
राज्यसभा में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी ने लिखित जवाब में कहा, “‘डे-एनआरएलएम के तहत SHG सदस्यों को GeM, ONDC, अमेजन, फ्लिपकार्ट, मीशो, जियोमार्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऑनबोर्ड करने के लिए कई ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए गए हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: