राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन में निरंतर शोध और नवाचार की आवश्यकता

14 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन में निरंतर शोध और नवाचार की आवश्यकता – केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली में आयोजित ‘जलीय जीव रोग: उभरती चुनौतियां और तैयारियां’ विषय पर संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस संगोष्ठी का आयोजन 14वें एशियाई मत्स्य पालन और जलीय कृषि मंच के हिस्से के रूप में किया गया श्री जॉर्ज कुरियन ने इस अवसर पर संगोष्ठी के आयोजन में आईसीएआर की पहल की सराहना की और जलीय कृषि में पोषण और जैव सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए “एक पृथ्वी – एक परिवार” दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में खाद्य सुरक्षा, आजीविका और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थायी जलीय कृषि पद्धतियां महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य सम्‍पदा योजना (पीएमएमएसवाई) जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के तहत किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन में निरंतर अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रोग निगरानी को मजबूत करने, जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल को बढ़ाने, नैदानिक और चिकित्सीय उपायों में सुधार करने की दिशा में मिलकर काम करने के लिए सरकारी एजेंसियों, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग जगत के दिग्‍गजों को शामिल करते हुए एक बहु-हितधारक दृष्टिकोण का आह्वान किया।

डॉ. जे.के. जेना, डीडीजी (मत्स्य विज्ञान), आईसीएआर और संगोष्ठी के संयोजक, ने इस आयोजन के बारे में संक्षिप्‍त विवरण दिया और भारत सरकार तथा एशिया प्रशांत में जलीय कृषि केंद्रों के नेटवर्क को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

Advertisement
Advertisement

मत्स्य पालन और पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव श्री सागर मेहरा ने आजीविका और अर्थव्यवस्था को सहारा देने में मत्स्य पालन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने रोग प्रकोपों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर की रणनीतियों के महत्व पर जोर दिया।

एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी डॉ. बी.के. बेहरा ने भारत में मत्‍स्‍य रोग निगरानी कार्यक्रमों को संस्थागत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि व्यवस्थित रोग निगरानी, प्रारंभिक पहचान और प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।

Advertisement8
Advertisement

डॉ. एडुआर्डो लीनो, एनएसीए, थाईलैंड ने वर्ष 1990 से 20 देशों में संचालित और पांच प्रमुख रोग निगरानी कार्यक्रमों का नेतृत्व करने वाले एनएसीए के मिशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जलीय कृषि में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के बढ़ते जोखिम पर प्रकाश डाला और जलीय जैव सुरक्षा के लिए एक स्थायी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।इससे पहले आईसीएआर-सीआईएफआरआई के निदेशक डॉ. बी.के. दास ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें जलीय कृषि की प्रगति और रोग प्रबंधन को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डाला । 

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement