Advertisement8
Advertisement
राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

शिवराज सिंह ने बैंकों के साथ की अहम बैठक: खरीफ फसल बीमा और SHG महिलाओं को अधिक लोन देने पर दिया जोर

06 अगस्त 2025, नई दिल्ली: शिवराज सिंह ने बैंकों के साथ की अहम बैठक: खरीफ फसल बीमा और SHG महिलाओं को अधिक लोन देने पर दिया जोर – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सभी बैंकों और राज्य सरकारों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत खरीफ सीजन में ज्यादा से ज्यादा किसानों के नामांकन और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जुड़ी स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को अधिक लोन देने के मुद्दे पर चर्चा की।

बैठक में शिवराज सिंह ने बैंकों को निर्देश दिए कि महिलाओं को लोन देने पर विशेष ध्यान दें और दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में भी काम को तेज करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा मिल सके। उन्होंने ऐलान किया कि खरीफ सीजन के फसल बीमा में अधिक किसानों को जोड़ने के लिए 16 से 30 अगस्त तक देशभर में विशेष अभियान चलाया जाएगा।

Advertisement
Advertisement

“कृषि देश की आत्मा है, किसान उसकी जान” – शिवराज सिंह

बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “बिना गांवों के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती और बिना खेती के देश की पहचान नहीं बन सकती। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा।” उन्होंने किसानों, गरीबों और ग्रामीण महिलाओं के कल्याण के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

90 लाख SHG, 10 करोड़ बहनें और 11 लाख करोड़ का लोन

शिवराज सिंह ने बैंकों को NRLM के अंतर्गत हो रहे कार्यों के लिए धन्यवाद देते हुए बताया कि आज देश में 90 लाख 90 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 10 करोड़ से अधिक बहनें जुड़ी हुई हैं। इन समूहों को अब तक ₹11 लाख करोड़ का लोन दिया जा चुका है।

Advertisement8
Advertisement

उन्होंने “लखपति दीदी” मिशन की सफलता की चर्चा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा तय किए गए 3 करोड़ लखपति दीदी के लक्ष्य में से डेढ़ करोड़ का आंकड़ा पहले ही पार कर लिया गया है। लेकिन अब और तेजी से आगे बढ़ने के लिए राज्यों और बैंकों को ज्यादा प्रयास करने होंगे।

Advertisement8
Advertisement

कमज़ोर जिलों और राज्यों पर फोकस की जरूरत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ राज्य और जिले अभी भी पिछड़ रहे हैं, इसलिए वहां ऋण लिंकेज को बेहतर करने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ बैंक राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं, जबकि कुछ बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने अच्छे प्रदर्शन करने वाले बैंकों को बधाई दी।

शिवराज सिंह ने स्पष्ट कहा, “जिम्मेदारी केवल कुछ बैंकों की नहीं है, सभी की है। बैंक यह सुनिश्चित करें कि महिला उद्यमियों तक सही तरीके से ऋण पहुंचे।”

SHG महिलाएं कर रही कमाल

उन्होंने कहा कि SHG बहनें इतनी प्रमाणिकता से काम कर रही हैं कि इनका NPA (बकाया ऋण) केवल 0.7% है। इसलिए सिर्फ समूह लोन नहीं, अब व्यक्तिगत ऋण देने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (BC) सखियों के लिए 1.44 लाख बहनों को प्रशिक्षण दिया गया है और उनकी शीघ्र नियुक्ति के निर्देश दिए गए हैं।

संस्थागत कृषि ऋण में बड़ी वृद्धि, निजी कर्ज से राहत

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2013-14 में संस्थागत कृषि ऋण ₹7.3 लाख करोड़ था, जो 2023-24 में ₹25.49 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इसी तरह KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) के जरिए दिया गया ऋण ₹10.25 लाख करोड़ पार कर चुका है।

अब किसानों को लोन के लिए निजी साहूकारों के पास नहीं जाना पड़ता, क्योंकि 75% ऋण बैंक से ही मिल रहा है। उन्होंने कहा कि औसत ऋण का आकार बढ़कर ₹1.27 लाख हो गया है और 62% KCC खाते सहकारी और ग्रामीण बैंकों में हैं। साथ ही, 2019 में 8.9% का NPA घटकर 2023 में 2.2% हो गया है।

Advertisement8
Advertisement

किसानों से मिलने वाली शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देने की बात

शिवराज सिंह ने कहा कि कुछ बैंकों द्वारा ₹2 लाख से कम के लोन पर कोलेटरल मांगा जाता है, जबकि नियम के अनुसार यह जरूरी नहीं है। CIBIL स्कोर की अनावश्यक मांग भी शिकायतों में शामिल है। उन्होंने सभी बैंकों को सख्त निर्देश दिए कि किसानों और बहनों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि

इस वर्चुअल बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास सचिव शैलेष सिंह, विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी और राज्यों के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने भी अपने विचार साझा किए।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement