फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के विकास हेतु सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाए
10 अगस्त 2024, नई दिल्ली: फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के विकास हेतु सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाए – भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है, जो न केवल किसानों को बेहतर लाभ प्रदान करेंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई), और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के तहत देशभर में कई परियोजनाएं चलाई हैं।
खाद्य प्रसंस्करण में बड़े निवेश: पीएमकेएसवाई के तहत, मंत्रालय 5520 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। 30 जून 2024 तक 41 मेगा फूड पार्क, 399 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट, 76 कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, 588 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मंजूरी दी जा चुकी है।
रोजगार के अवसर और निर्यात में बढ़ोतरी: उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) के अंतर्गत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्यमों को वित्तीय, तकनीकी, और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य वैश्विक खाद्य मैन्युफैक्चरिंग में भारत को अग्रणी बनाना और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय ब्रांडों को पहचान दिलाना है। यह योजना वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए चालू है, जिसका कुल परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये है। 30 जून 2024 तक माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्यमों को कुल 92,549 स्वीकृतियां दी गई हैं।
अनुसंधान और विकास को मिलेगा बढ़ावा: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय पीएमकेएसवाई के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को भी बढ़ावा दे रहा है। 2017-18 से 30 जून 2024 तक 72 शोध परियोजनाओं को 26.12 करोड़ रुपये की स्वीकृत सब्सिडी के साथ मंजूरी दी गई है। इस पहल के तहत निफ्टेम कुंडली और निफ्टेम तंजावुर भी अनुसंधान और विकास गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
लोकसभा में राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को बेहतर लाभ दिलाना, अपशिष्ट को कम करना, और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाना है।
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