कर्जदार किसानों को 660 करोड़ से अधिक की राहत
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए सरकार ने कर्जदार किसानों को 660.50 करोड़ रुपए का तोहफा दिया है। केन्द्र ने यह राहत किसानों को उनके फसल ऋण पर नवम्बर और दिसम्बर 2016 के ब्याज को माफ करके दी है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आवास को प्रोत्साहन देने के लिए एक नई योजना को भी मंजूरी दी है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में घर के लिए कर्ज लेने पर ब्याज में तीन फीसदी की छूट मिलेगी। साथ ही केन्द्र ने सरकारी बैंकों को पुनर्वित्त की सुविधा देने के एवज में नाबार्ड को 400 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गत दिनों हुई कैबिनेट की बैठकमें कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। श्री मोदी ने आठ नवम्बर 2016 को 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी। इसके चलते किसान परेशान हो रहे थे। किसानों की तकलीफें देखने के बाद ही सरकार ने कर्ज ब्याज में राहत का ऐलान किया है। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा, जिन्होंने सहकारी बैंकों से एक अप्रैल से 30 सितम्बर 2016 के दौरान फसल कर्ज लिया है।
जिन किसानों ने नोटबंदी के बाद नवम्बर-दिसम्बर में फसली ऋण पर ब्याज चुका दिया है, ब्याज माफी की राशि उनके खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से मिल जाएगी।
सरकार का कहना है कि नोटबंदी के बाद चेक भुनाने और खरीफ की उपज मंडी में बेचने के दौरान हुई दिक्कतों के चलते किसानों को यह राहत दी गई है।