पीएम-किसान योजना: 335 करोड़ रुपये की वसूली, अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई तेज
07 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: पीएम-किसान योजना: 335 करोड़ रुपये की वसूली, अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई तेज – केंद्र सरकार की किसान सहायता योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) की निगरानी में बड़ी प्रगति हुई है। योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों की पहचान के बाद देशभर में अब तक 335 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।
पीएम-किसान योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश के सभी भूमिधारी किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके तहत किसानों के बैंक खातों में हर साल 6,000 रुपये की राशि तीन किस्तों में सीधे जमा की जाती है। यह योजना डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से संचालित की जाती है।
अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई
शुरुआत में योजना के तहत पंजीकरण राज्यों द्वारा किसानों के स्व-प्रमाणन (self-certification) के आधार पर किया गया। कुछ राज्यों में आधार लिंकिंग की अनिवार्यता को भी प्रारंभिक दौर में छूट दी गई थी। लेकिन बाद में पारदर्शिता और प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सुधार किए गए। इनमें PFMS, UIDAI और आयकर विभाग के साथ डेटा का एकीकरण, आधार आधारित भुगतान, ई-केवाईसी और भूमि रिकॉर्ड की सीडिंग को अनिवार्य किया गया।
योजना के तहत कई ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई जो पात्रता मानकों को पूरा नहीं करते थे। इनमें आयकर दाता, उच्च आय वर्ग के लोग, सरकारी कर्मचारी आदि शामिल हैं। ऐसे लाभार्थियों से संबंधित राज्य सरकारों ने वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। अब तक अपात्र लाभार्थियों से 335 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।
पीएम-किसान योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है। किसान स्वयं PM-KISAN पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारें इन आवेदनों की सत्यापन प्रक्रिया के बाद मंजूरी देती हैं। जिन आवेदकों द्वारा आवश्यक दस्तावेज या जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती, उनके आवेदन अस्वीकृत किए जा सकते हैं। सत्यापन के बाद पंजीकृत किसानों को अगली किस्त में लाभ प्रदान कर दिया जाता है।
योजना की पात्रता और हालिया स्थिति
योजना के तहत सभी भूमिधारी किसान, चाहे उनकी जोत का आकार कुछ भी हो, लाभ लेने के पात्र हैं। हालांकि, वर्तमान में इस योजना को बंटाईदार (tenant farmers) किसानों तक विस्तार करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सरकार का कहना है कि जिन किसानों ने अभी तक आधार लिंकिंग या ई-केवाईसी जैसी अनिवार्य प्रक्रियाएं पूरी नहीं की हैं, उनके खाते अस्थायी रूप से रोके गए हैं। जब ये किसान इन प्रक्रियाओं को पूरा कर लेंगे, तब उन्हें लंबित किस्तें भी जारी कर दी जाएंगी।
अब तक इस योजना के तहत 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि लाभार्थी किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। योजना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है।
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