धान की बुवाई 5 वर्षों में अब तक सबसे कम
09 अगस्त 2022, नई दिल्ली: धान की बुवाई 5 वर्षों में अब तक सबसे कम – देश में खरीफ की प्रमुख फसल धान की बुवाई में कमी के आंकड़ों ने सरकार में चिंता की लकीरें खींच दी है। 5 अगस्त तक धान की बुवाई का रकबा अखिल भारतीय स्तर पर लक्ष्य से लगभग 30 प्रतिशत कम रहा। कृषि मंत्रालय से प्राप्त जानकारी अनुसार 5 अगस्त तक 274.29 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हो पाई थी जबकि सामान्य क्षेत्रफल 397.06 लाख हेक्टेयर है। कृषि मंत्रालय ने भी गत वर्षों की रिकॉर्ड बुवाई को देखते हुए
इस वर्ष 413.13 लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य तय किया था। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक शुरुआती मानसून की बेरुखी से धान की बुवाई प्रभावित हुई है। यदि अब बुवाई के क्षेत्रफल में बढ़ौत्री होती है तो भी उत्पादन प्रभावित होगा।वैसे धान बुवाई बढऩे की संभावना कम है क्योंकि इसकी
बुवाई सामान्यत: जुलाई अंत तक पूरी हो जाती है। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में 5 अगस्त तक 4.39 लाख हेक्टेयर की कमी, इसी प्रकार पश्चिम बंगाल 12.28 लाख हेक्टेयर, झारखंड 9.34 लाख हेक्टेयर, बिहार में 4.85 लाख हेक्टेयर में बुवाई नहीं हो पाई।
धान की कम बुवाई वाले प्रमुख राज्य (वर्ष 2022-23) (लाख हेक्टेयर में )
राज्य | खरीफ लक्ष्य | इस वर्ष (5 अगस्त तक ) |
आंध्र प्रदेश | 16.300 | 6.660 |
आसाम | 20.293 | 14.004 |
बिहार | 35.170 | 23.290 |
छत्तीसगढ़ | 33.610 | 27.250 |
झारखंड | 18.000 | 3.090 |
मध्य प्रदेश | 34.710 | 22.65 |
राजस्थान | 2.070 | 1.700 |
उत्तर प्रदेश | 59.000 | 53.170 |
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