राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

जैविक खेती को मिलेगा MSP! चन्नी की अगुवाई वाली संसदीय समिति की सिफारिशें

13 मार्च 2025, नई दिल्ली: जैविक खेती को मिलेगा MSP! चन्नी की अगुवाई वाली संसदीय समिति की सिफारिशें – देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए संसद की कृषि संबंधी स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से जैविक उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की सिफारिश की है। चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली इस समिति ने 2025-26 के अनुदान की मांग पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश की।

पुरानी सिफारिशों पर अमल क्यों नहीं हुआ? समिति ने उठाए सवाल

समिति ने सरकार को याद दिलाया कि उसने पहले भी किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक इन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। समिति ने सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर कार्रवाई करने की मांग की, ताकि किसानों को राहत मिल सके और कृषि क्षेत्र में स्थिरता आए।

समिति ने पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए एक नई योजना का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत, धान की कटाई के बाद बची पराली को संभालने के लिए किसानों को प्रति क्विंटल 100 रुपये की वित्तीय सहायता देने की बात कही गई है। इसके अलावा, पराली को बाजार में बेचने का एक बेहतर तंत्र विकसित करने की भी जरूरत बताई गई, जिससे किसानों को इसका आर्थिक लाभ मिल सके।

छोटे किसानों को मुफ्त फसल बीमा देने की मांग

छोटे किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समिति ने मुफ्त और अनिवार्य फसल बीमा योजना लागू करने की सिफारिश की है। इससे किसानों को मौसम और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में संकट कम होगा और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।

खेतों में काम करने वाले मजदूरों की अहमियत को स्वीकारते हुए समिति ने सरकार से “कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय” का नाम बदलकर “कृषि, किसान और खेतिहर मजदूर कल्याण मंत्रालय” करने की सिफारिश की है।

समिति ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को गांवों में सुपरमार्केट के रूप में विकसित करने की सिफारिश की है। इसे प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) योजना के तहत बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने और त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (TSU) को जल्द स्थापित करने की मांग की गई है, ताकि सहकारी क्षेत्र को मजबूती मिल सके।

समिति ने बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के तहत फसलों की खरीदी सीमा को 25% से बढ़ाकर 50% करने की सिफारिश की है। इससे अधिक किसानों को फायदा मिलेगा और उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य मिल सकेगा।

अनुसूचित जाति उपयोजना (SCSP) में पारदर्शिता लाने के लिए समिति ने CAG द्वारा वार्षिक ऑडिट करवाने की सिफारिश की है। साथ ही, किसानों की समस्याओं को हल करने और सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए AI-सक्षम वेब पोर्टल और शिकायत निवारण तंत्र विकसित करने का सुझाव दिया गया है।

सरकार की डेयरी विकास योजना ‘श्वेत क्रांति 2.0’ की सराहना करते हुए समिति ने सुझाव दिया है कि 1,000 बहुउद्देशीय कृषि सहकारी समितियों (MPACS) को वित्तीय सहायता दी जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन और सहकारी डेयरी उद्योग को मजबूती मिल सके।

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