नाशिक में प्याज के दाम उछले, बारिश से खरीफ फसल की कटाई में देरी
04 नवंबर 2025, नाशिक: नाशिक में प्याज के दाम उछले, बारिश से खरीफ फसल की कटाई में देरी – देश के प्रमुख प्याज उत्पादन क्षेत्र नाशिक में प्याज के थोक दामों में पिछले चार दिनों में करीब 26% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण है लगातार हो रही बरसात, जिसने नई खरीफ फसल की कटाई और मंडियों में उसकी आवक को प्रभावित किया है।
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी माने जाने वाले लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति (APMC) के आंकड़ों के अनुसार, प्याज का औसत थोक भाव मंगलवार को जहाँ ₹1,350 प्रति क्विंटल (US$16.20) था, वहीं शुक्रवार तक यह बढ़कर ₹1,710 प्रति क्विंटल (US$20.50) हो गया। एक मंडी अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के चलते मंडी में प्याज की आवक आधी रह गई है, जिससे मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन पैदा हुआ है।
शुक्रवार को प्याज के थोक दाम ₹700 (US$8.40) से लेकर ₹2,600 (US$31.20) प्रति क्विंटल के बीच रहे। हालांकि दाम बढ़े हैं, लेकिन किसान अब भी उत्पादन लागत भी नहीं निकाल पा रहे—जो लगभग ₹1,800 (US$21.60) प्रति क्विंटल है।
इस साल खरीफ प्याज की कटाई अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से शुरू होनी थी, लेकिन सितंबर में हुई भारी बारिश ने जिले में 80% तक फसल को नुकसान पहुंचाया। शेष 20% फसल, जो 15 अगस्त के बाद बोई गई थी, अब नवंबर के अंतिम सप्ताह तक मंडियों में आने की उम्मीद है।
फिलहाल बाजार में जो प्याज बिक रहा है, वह गर्मी की फसल का है, जिसे किसान मार्च-अप्रैल में काटकर 6-7 महीने तक स्टोर कर रखते हैं। किसान इसे अपनी नकदी जरूरत और बाजार भाव देखकर धीरे-धीरे बेचते हैं।
कीमतों में यह तेजी न सिर्फ किसानों और व्यापारियों को प्रभावित कर रही है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी चिंता का विषय है। प्याज की कीमतें भारत के कृषि आर्थिक परिदृश्य में अक्सर संवेदनशील मानी जाती हैं, ऐसे में नवंबर में नई फसल के आने तक बाज़ार और मौसम दोनों की निगाहें आसमान पर हैं।
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