राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

बीज गुणवत्ता और तकनीक पर वाराणसी में राष्ट्रीय बीज कांग्रेस, जानें कैसे बदलेगी खेती

24 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: बीज गुणवत्ता और तकनीक पर वाराणसी में राष्ट्रीय बीज कांग्रेस, जानें कैसे बदलेगी खेती – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 28 से 30 नवंबर 2024 तक 13वीं राष्ट्रीय बीज कांग्रेस (एनएससी) का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आईएसएआरसी) और राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (एनएसआरटीसी) के सहयोग से हो रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में बीज क्षेत्र को अधिक समावेशी, टिकाऊ और उन्नत बनाने के लिए नीति निर्माताओं, किसानों, शोधकर्ताओं और सार्वजनिक-निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य विषय “बीज क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, भागीदारी और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना” है। इस दौरान बीज, फसल सुधार, बीज वितरण प्रणालियों और तकनीकी नवाचारों पर चर्चा की जाएगी। कृषि क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बीज क्षेत्र के विशेषज्ञों, किसानों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाकर कार्यक्रम बीज की गुणवत्ता सुधारने और खेती को अधिक जलवायु-अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि, “उच्च गुणवत्ता वाले, पौष्टिक और जलवायु-अनुकूल बीजों की उपलब्धता अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। यह आयोजन बीज क्षेत्र को सशक्त बनाने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

बीज क्षेत्र में नवाचार और सहयोग पर फोकस

आईआरआरआई के महानिदेशक डॉ. यवोन पिंटो ने बताया कि यह कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब कृषि क्षेत्र को तेजी से बदलते बाजार की मांगों को पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टिकाऊ और समावेशी बीज प्रणालियों के निर्माण के लिए क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करना बेहद जरूरी है। आईआरआरआई के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह के नेतृत्व में यह आयोजन बीज क्षेत्र में तकनीकी विकास और अनुसंधान को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम में सहभागी धान और स्वर्ण-सब 1 जैसी जलवायु-अनुकूल किस्मों के विकास, सीमा पार बीज आदान-प्रदान, और ‘सीड्स विदाउट बॉर्डर्स’ जैसी नीतियों पर भी चर्चा की जाएगी, जिनके जरिए भारत के बीज क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है।

राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (एनएसआरटीसी) के निदेशक श्री मनोज कुमार ने बताया कि एनएससी बीज गुणवत्ता नियंत्रण को मजबूत करने और किसानों तक उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। एनएसआरटीसी इस आयोजन में अपने अनुभवों और आधुनिक तकनीकों के हस्तांतरण के जरिए बीज गुणवत्ता में सुधार की दिशा में काम करेगा।

क्या है खास

इस कांग्रेस का उद्देश्य बीज क्षेत्र के विकास में सहयोग बढ़ाने और किसानों को बेहतर बीज तक पहुंच दिलाने के लिए नीतिगत बदलाव और तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करना है। बीज गुणवत्ता, डिजिटल समाधान, और टिकाऊ बीज प्रणालियों पर जोर देते हुए कार्यक्रम में विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे।

कार्यक्रम के दौरान भागीदार विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के बीच विचारों और अनुसंधान के आदान-प्रदान से भारत के बीज क्षेत्र में नई संभावनाओं का रास्ता खुलेगा। इच्छुक हितधारक इस आयोजन से जुड़े रहने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकते हैं।

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