राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि सांख्यिकी में सुधार के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन: केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग पर जोर

23 अगस्त 2024, नई दिल्ली: कृषि सांख्यिकी में सुधार के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन: केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग पर जोर – कृषि मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कृषि सांख्यिकी में सुधार के उद्देश्य से नवीनतम पहलों पर चर्चा की गई। इस सम्मेलन की अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी ने की, जिसमें राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य कृषि सांख्यिकी की सटीकता, विश्वसनीयता और पारदर्शिता को बढ़ाना है, जो नीति निर्माण, व्यापार निर्णयों और कृषि योजना बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

सम्मेलन में डिजिटल फसल सर्वेक्षण और डीजीसीईएस जैसे तकनीकी नवाचारों पर जोर दिया गया, जो फसल उत्पादन के सटीक अनुमानों के लिए डेटा संग्रह को मजबूत करेंगे। श्री चतुर्वेदी ने राज्यों को इन नई पहलों को तुरंत अपनाने और उनका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि कृषि सांख्यिकी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच निरंतर सहयोग आवश्यक है।

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इसके अलावा, रिमोट सेंसिंगकृत्रिम बुद्धिमत्ता और भू-स्थानिक विश्लेषण जैसी तकनीकों के उपयोग से फसल उत्पादन के आंकड़ों की सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। संशोधित एफएएसएएल कार्यक्रम के तहत 10 प्रमुख फसलों के लिए सटीक फसल मानचित्र और रकबे का अनुमान लगाने के लिए इन तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

सम्मेलन में यूपीएजी पोर्टल के माध्यम से कृषि डेटा के त्रिकोणीय सर्वेक्षण और सत्यापन के महत्व पर भी चर्चा की गई। इस प्लेटफ़ॉर्म के जरिए विभिन्न स्रोतों से डेटा का क्रॉस-सत्यापन किया जाएगा, जिससे कृषि सांख्यिकी की मजबूती सुनिश्चित होगी।

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श्री चतुर्वेदी ने कृषि और किसान कल्याण विभाग को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के साथ जोड़ने पर जोर दिया, जिससे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा फसल कटाई प्रयोगों की निगरानी को बेहतर किया जा सके और स्वतंत्र एजेंसी द्वारा राज्य स्तरीय उपज अनुमानों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

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सम्मेलन का समापन इन सुधारों के महत्व पर आम सहमति बनाने और सभी राज्यों द्वारा कृषि सांख्यिकीय ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जो भारत के कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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