राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पशुपालन विभाग का मेगा वर्चुअल कार्यक्रम: नस्ल सुधार और पशु बीमा पर जोर, 1 लाख किसानों ने लिया हिस्सा  

21 अगस्त 2025, नई दिल्ली: पशुपालन विभाग का मेगा वर्चुअल कार्यक्रम: नस्ल सुधार और पशु बीमा पर जोर, 1 लाख किसानों ने लिया हिस्सा – मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग ने “पशुधन उत्पादकता बढ़ाने के लिए वर्चुअल जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देशभर के 2000 कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से 1 लाख से ज्यादा पशुपालक किसान जुड़े। इसमें छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दिल्ली और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के किसान शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी एवं पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने की। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।

इस दौरान, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने किसानों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि देश में दूध उत्पादन की दर पिछले 10 वर्षों में 5.7% रही है, जो विश्व की तुलना में काफी अधिक है। उन्होंने पशु बीमा अपनाने, समय-समय पर टीकाकरण कराने और टोल-फ्री नंबर 1962 का इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि नई तकनीकों जैसे सेक्स-सॉर्टेड सीमेन से पशुधन की उत्पादकता बढ़ रही है।

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जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य विषय

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को नस्ल सुधार, जूनोटिक रोग नियंत्रण, जैव सुरक्षा और विभागीय योजनाओं के बारे में जागरूक करना था। इसमें जागरूकता वीडियो, विशेषज्ञ सत्र और प्रश्नोत्तर शामिल थे, जिनसे किसानों को पशुपालन में आधुनिक उपायों की जानकारी मिली।

विभागीय योजनाओं का प्रभाव

टीकाकरण और नस्ल सुधार जैसे विभागीय प्रयासों से देश में पशुधन उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इससे किसानों की आय बढ़ी है और ग्रामीण विकास को भी मजबूती मिली है। टोल-फ्री नंबर 1962 से पशु चिकित्सा सेवाएं किसानों तक पहुंच रही हैं, जिससे उपचार में आसानी हो रही है।

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