राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

तिलहन आत्मनिर्भरता की ओर भारत: 11 वर्षों में 432 हाई-यील्ड किस्में विकसित, 1.5 लाख क्विंटल बीज का वितरण

30 जुलाई 2025, नई दिल्ली: तिलहन आत्मनिर्भरता की ओर भारत: 11 वर्षों में 432 हाई-यील्ड किस्में विकसित, 1.5 लाख क्विंटल बीज का वितरण – कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत सरकार देश को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन (NMEO-OS) को लागू कर रही है। इस मिशन के तहत घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रणनीति अपनाई गई है। 

मिशन का उद्देश्य रेपसीड, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, नाइजर, अलसी और अरंडी जैसी फसलों का उत्पादन बढ़ाना है। इसके साथ ही कपास, नारियल, चावल की भूसी और वृक्ष जनित तिलहन जैसे द्वितीयक स्रोतों से तेल निष्कर्षण की दक्षता भी बढ़ाई जा रही है।

उच्च उपज देने वाली किस्मों और तकनीक पर ज़ोर

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) देश के विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से नौ प्रमुख तिलहन फसलों की उच्च उत्पादक किस्में और कृषि तकनीकें विकसित कर रहा है। इसके लिए पाँच अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाएं (AICRP) चलाई जा रही हैं। साथ ही संकर विकास और जीन संपादन पर आधारित दो विशेष अनुसंधान परियोजनाएं भी क्रियान्वित की जा रही हैं।

परिणामस्वरूप, वर्ष 2014 से 2025 के बीच वाणिज्यिक खेती के लिए 432 नई किस्में/संकर अधिसूचित की गई हैं:

1.रेपसीड-सरसों: 104 किस्में
2. सोयाबीन: 95
3. मूंगफली: 69
4. अलसी: 53
5. तिल: 34
6. कुसुम: 25
7. सूरजमुखी: 24
8. अरंडी: 15
9. नाइजर: 13

सरकार किस्म प्रतिस्थापन दर (VRR) और बीज प्रतिस्थापन दर (SRR) बढ़ाकर किसानों को इन किस्मों का लाभ देने पर ज़ोर दे रही है।

बीज उत्पादन और वितरण में भी उल्लेखनीय प्रगति

पिछले 5 वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान लगभग 1,53,704 क्विंटल प्रजनक बीज का उत्पादन किया गया है, जिसे सार्वजनिक और निजी बीज एजेंसियों को किसानों तक गुणवत्ता बीज पहुंचाने के लिए उपलब्ध कराया गया। ICAR जिला स्तरीय बीज केंद्रों के माध्यम से किसानों को प्रमाणित और सत्य लेबल वाले बीज मुहैया करा रहा है, जिससे उच्च उपज की संभावना बढ़ेगी।

देशभर में 600 से अधिक मूल्य श्रृंखला क्लस्टर

NMEO-OS के अंतर्गत पूरे देश में 600 से अधिक वैल्यू चेन क्लस्टर तैयार किए गए हैं, जो हर साल 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करते हैं। इन क्लस्टरों का संचालन किसान उत्पादक संगठन (FPO) और सहकारी समितियों जैसे मूल्य श्रृंखला भागीदारों (VCPs) द्वारा किया जा रहा है।

इन क्लस्टरों में किसानों को, निःशुल्क उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उत्तम कृषि पद्धतियों (GAP) का प्रशिक्षण, मौसम और कीट प्रबंधन पर परामर्श सेवाएं दिया जा रहा है। साथ ही, तेल निष्कर्षण और संग्रहण दक्षता बढ़ाने के लिए कटाई-पश्चात बुनियादी ढांचे के विकास में भी सहायता दी जा रही है।
नीचे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2024-25 में अधिसूचित तिलहन फसलों की राज्यवार जानकारी दी गई है। 

PMFBY के तहत 2024-25 में अधिसूचित तिलहन फसलें  

क्रमराज्य/केंद्र शासित प्रदेशखरीफ में अधिसूचित फसलेंरबी में अधिसूचित फसलें
1आंध्र प्रदेशमूंगफली, तिल, सूरजमुखीमूंगफली, तिल
2असमसरसों
3छत्तीसगढ़मूंगफली, सोयाबीनअलसी, सरसों
4हरियाणासरसों, सूरजमुखी
5जम्मू और कश्मीरसरसों
6झारखंडसरसों
7कर्नाटकमूंगफली, तिल, सूरजमुखी, सोयाबीनकुसुम, सूरजमुखी
8केरलमूंगफली, तिल, सोयाबीनमूंगफली, तिल
9मध्य प्रदेशमूंगफली, तिल, सोयाबीनअलसी, सरसों
10महाराष्ट्रमूंगफली, नाइजर, तिल, सोयाबीनमूंगफली (समर)
11ओडिशामूंगफली (IR, Summer IR, RF), सूरजमुखी (IR)सरसों
12पुडुचेरीमूंगफली (IR)
13राजस्थानकास्टर, मूंगफली, तिल, सोयाबीनसरसों, तारामीरा
14सिक्किमसोयाबीनसरसों
15तमिलनाडुमूंगफली, तिल, सूरजमुखीमूंगफली, तिल
16उत्तर प्रदेशमूंगफली, तिल, सोयाबीनअलसी, सरसों

प्रदर्शन और जन-जागरूकता कार्यक्रम

मिशन के तहत ICAR द्वारा अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन (FLDs), कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) द्वारा क्लस्टर FLDs और राज्य सरकारों द्वारा ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इससे किसानों को नवीनतम किस्मों और तकनीकों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही, स्वस्थ खाद्य तेल उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

PM Fasal Bima Yojana के तहत बीमा कवरेज

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत 2024-25 में विभिन्न राज्यों में अधिसूचित तिलहन फसलों का कवरेज भी सुनिश्चित किया गया है। इनमें मूंगफली, तिल, सूरजमुखी, सोयाबीन, अलसी, सरसों, अरंडी, कुसुम, नाइजर, तारामीरा आदि शामिल हैं। यह 15 से अधिक राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों जैसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, असम, केरल, आदि बीमा दायरे में शामिल है।  

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