पिछले दस वर्षों में दलहन और तिलहन उत्पादन में 44% की बढ़ोतरी
31 जुलाई 2024, नई दिल्ली: पिछले दस वर्षों में दलहन और तिलहन उत्पादन में 44% की बढ़ोतरी – भारत में कृषि क्षेत्र में पिछले दस वर्षों (2014-15 से 2023-24) में दलहन और तिलहन के उत्पादन में क्रमशः 43% और 44% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत कई पहलें की हैं।
दलहन कार्यक्रम
एनएफएसएम-दलहन कार्यक्रम में , किसानों को फसल उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियों, नई किस्मों के प्रमाणित बीजों, उन्नत कृषि उपकरणों और जल बचत उपकरणों के साथ-साथ प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए नई किस्मों के बीज मिनीकिटों का वितरण, गुणवत्ताप्रद बीज उत्पादन, और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में प्रौद्योगिकीय प्रदर्शन जैसी पहलों को शामिल किया गया है।
तिलहन कार्यक्रम
इसी प्रकार, एनएफएसएम-तिलहन कार्यक्रम में , तिलहनों की खेती के लिए किसानों को बीज उत्पादन, पादप संरक्षण उपकरण, जैव-उर्वरक, उन्नत कृषि उपकरण और जल प्रबंधन उपकरणों के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, क्लस्टर/ब्लॉक प्रदर्शन, फ्रंटलाइन प्रदर्शन और फार्मर फील्ड स्कूल (एफएफएस) के माध्यम से समेकित कीट प्रबंधन, किसानों और अधिकारियों का प्रशिक्षण और आवश्यक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का समर्थन भी किया जा रहा है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) भी दलहन और तिलहन की उत्पादकता में सुधार के लिए राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर अनुसंधान कार्य कर रही है।
किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के अंतर्गत मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) शामिल हैं। अरहर, मसूर और उड़द के मामले में पीएसएस के तहत खरीद सीमा समाप्त कर दी गई है, जिससे किसानों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
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