कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ब्रिक्स यात्रा के दौरान भारत ने ब्राज़ील के साथ एग्री-टेक संबंधों को मज़बूत किया
22 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ब्रिक्स यात्रा के दौरान भारत ने ब्राज़ील के साथ एग्री-टेक संबंधों को मज़बूत किया – कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ब्राज़ील यात्रा भारत की वैश्विक कृषि भागीदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही। 21 अप्रैल, सोमवार को ब्राज़ील से लौटे मंत्री ने ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस यात्रा के दौरान भारत और ब्राज़ील के बीच कृषि व्यापार, तकनीकी सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया।
यात्रा की प्रमुख उपलब्धियों में भारत द्वारा सोयाबीन उत्पादन और निर्यात को प्रोत्साहित करने का प्रयास शामिल था। मंत्री चौहान ने कहा कि भारतीय किसानों को वैश्विक तकनीकों का लाभ दिलाकर उनकी उत्पादकता बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक छोटे किसानों को सशक्त नहीं किया जाएगा, तब तक वैश्विक खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य अधूरा रहेगा।
ब्रिक्स मंच पर अपने संबोधन में मंत्री ने कृषि अनुसंधान, खाद्य प्रसंस्करण, व्यापार में सुगमता और तकनीकी सहयोग पर बल दिया। उन्होंने भारत की वसुधैव कुटुंबकम की भावना को दोहराते हुए कहा कि भारत समावेशी, न्यायसंगत और टिकाऊ कृषि के लिए प्रतिबद्ध है।
ब्राज़ीलिया में आयोजित इस ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की बैठक में ब्राज़ील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका के अलावा सऊदी अरब, मिस्र, यूएई, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान जैसे नए सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य विषय था: “ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग, नवाचार और न्यायसंगत व्यापार के माध्यम से समावेशी और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना”।
द्विपक्षीय बैठकों के दौरान चौहान ने ब्राज़ील के कृषि एवं पशुपालन मंत्री कार्लोस हेनरिक फावेरो और ग्रामीण एवं पारिवारिक कृषि मंत्री लुइज़ पाउलो टेक्सीरा से मुलाकात की। इनमें जलवायु-अनुकूल सोयाबीन किस्में, मशीनीकरण, सटीक खेती और सतत कृषि प्रथाओं में सहयोग पर चर्चा हुई। साथ ही, भारत में इन तकनीकों को अपनाने की योजना पर विचार किया गया ताकि किसानों को सीधे लाभ मिल सके।
मंत्री ने ब्राज़ील में सोयाबीन उत्पादन इकाइयों, टमाटर फार्म और कृषि अनुसंधान संस्थानों का दौरा किया। उन्होंने सिंचाई, मशीनीकरण और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी नवीनतम तकनीकों का निरीक्षण किया। वर्तमान में भारत सोयाबीन तेल का आयात करता है, लेकिन अब दोनों देश संयुक्त निवेश और प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इससे भारत में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और निर्यात के अवसर भी खुलेंगे।
साओ पाउलो में मंत्री ने ब्राज़ील के 27 एग्रीबिजनेस नेताओं से भी मुलाकात की। इन चर्चाओं में कृषि व्यापार, तकनीक, जैव ईंधन, खाद्य प्रसंस्करण और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण जैसे विषयों पर सहयोग की संभावनाएं तलाशी गईं।
अपने दौरे के दौरान चौहान ने भारतीय दूतावास में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण भी किया और भारतीय प्रवासी समुदाय से मुलाकात कर भारत-ब्राज़ील संबंधों में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह भारत के स्वतंत्रता के अमृत काल का समय है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा, “ब्राज़ील प्रवास के दौरान मुझे कई नई तकनीकों और अनुभवों से लाभ मिला है। हम इनका उपयोग भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए करेंगे। भारत-ब्राज़ील सहयोग हमारे किसानों को सशक्त करेगा और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को नया मार्ग देगा।”
चौहान की यह यात्रा न केवल कूटनीतिक रूप से बल्कि भारतीय कृषि में नवाचार, उत्पादन वृद्धि और वैश्विक साझेदारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल रही।
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