कृषि क्षेत्र में भारत-इजराइल अब बनायेंगे उत्कृष्ट गांव
दोनों देशों ने सहयोग के लिए कार्य योजना पर हस्ताक्षर
1 जून 2021, नई दिल्ली । कृषि क्षेत्र में भारत-इजराइल अब बनायेंगे उत्कृष्ट गांव – इजराइल और भारत के बीच कृषि क्षेत्र में लगातार साझेदारी को और आगे बढ़ाते हुए, दोनों सरकारों ने कृषि सहयोग में विकास के लिए तीन साल के कार्य योजना समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ।भारत और इजरायल भारत-इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता केंद्र और भारत-इजराइल उत्कृष्टता गांवों को लागू कर रहे हैं।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन-एमआईडीएच, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, और एमएएसएचएवी- अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग के लिए इजऱाइल की एजेंसी – इजऱाइल के सबसे बड़े जी2जी सहयोग का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें पूरे भारत के 12 राज्यों में 29 परिचालन केंद्र (सीओई) हैं, जो स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार इजरायली कृषि-प्रौद्योगिकी के साथ प्रगतिशील – सघन खेती-बाडी को लागू करते हैं। हर साल, ये उत्कृष्टता केंद्र 25 मिलियन से अधिक गुणवत्ता वाली सब्जी के पौधे, 387 हजार से अधिक गुणवत्ता वाले फलों के पौधों का उत्पादन करते हैं और 1.2 लाख से अधिक किसानों को बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के बारे में प्रशिक्षित करते हैं।
श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र हमेशा भारत के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि भारत और इजरायल के बीच 1993 से कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध हैं। यह पांचवां आईआईएपी है। श्री तोमर ने कहा, अब तक, हमने 4 कार्य योजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह नयी कार्य योजना कृषि क्षेत्र में कृषक समुदाय के लाभ के लिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग को और मजबूत करेगा।
कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने कहा, भारत-इजरायल कृषि कार्य योजना (आईआईएपी) के तहत स्थापित ये उत्कृष्टता केंद्र बागवानी क्षेत्र में परिवर्तन के केंद्र बन गए हैं। राजदूत डॉ. रॉन मल्का ने कहा, तीन साल की कार्य योजना (2021-2023) हमारी बढ़ती साझेदारी की शक्ति को प्रदर्शित करता है और उत्कृष्टता केंद्रों और उत्कृष्टता गांवों के माध्यम से स्थानीय किसानों को लाभान्वित करेगी। जहां तक भारत-इजरायल उत्कृष्टता गांव का प्रश्न है, यह एक नई अवधारणा है जिसका लक्ष्य आठ राज्यों में कृषि में एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, जिसमें 75 गांवों में 13 उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं। यह कार्यक्रम किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि को बढ़ावा देगा और उनकी आजीविका को बेहतर करेगा। आईआईवीओई कार्यक्रम में: (1) आधुनिक कृषि अवसंरचना, (2) क्षमता निर्माण, (3) बाजार से जुड़ाव पर ध्यान दिया जाएगा।
कार्य योजना समझौता समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला और श्री कैलाश चौधरी के साथ-साथ इजरायल के विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और कृषि और किसान कल्याण, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
22 | सब्जी -नालंदा | 600 | पूर्ण | |
23 | तमिलनाड | पुष्प , कृष्णागिरी 880.00 | पूर्ण | |
24. | सब्जी, | डिंडीगुल | 1018.00 | पूर्ण |
25. तेलंगाना फूल- सब्जी , रंगारेड्डी | 920.00 | पूर्ण | ||
26. उत्तर प्रदेश फल- बस्ती | 740 | पूर्ण | ||
27 | सब्जी-कन्नौज | 780 | पूर्ण | |
चरण-3 (2015-18) | ||||
28 | मिजोरम | फल-लुंगलेई | 900 | पूर्ण |
29 | आंध्र प्रदेश | फल-सब्जी कुप्पम | 892 | पूर्ण |
30 | हरियाणा | पुष्प ,बीज उत्पादन, झज्जर | 787.1 | कार्य प्रगति पर |
चरण-4 (2018-20) | ||||
31 | हरियाणा | अर्ध- शुष्क बागवानी | 825.9 | कार्य प्रगति पर |
32 | मध्यप्रदेश | सब्जी- मुरैना | 969.27 | कार्य प्रगति पर |
33. | नीबू वर्गीय | छिन्दवाड़ा | 668.22 | कार्य प्रगति पर |
34 | असम | सब्जी की संरक्षित खेती | 583.58 | कार्य प्रगति पर |