भारत डिजिटल कृषि सम्मेलन 2024: किसानों को प्रौद्योगिकी से जोड़ने की नई पहल
14 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: भारत डिजिटल कृषि सम्मेलन 2024: किसानों को प्रौद्योगिकी से जोड़ने की नई पहल – भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर (ICFA) और IIT रोपड़-TIF अवध के संयुक्त सहयोग से “भारत डिजिटल कृषि सम्मेलन 2024” का आयोजन नई दिल्ली में किया गया। इस सम्मेलन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने डिजिटल कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि तकनीकी समाधान और डेटा-संचालित प्रथाएं भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने में मददगार साबित होंगी।
डॉ. चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल कृषि मिशन का उद्देश्य किसानों को वास्तविक समय में जानकारी और सहायता उपलब्ध कराना है, ताकि वे सटीक निर्णय लेकर अपनी पैदावार और आय में सुधार कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की पहल न केवल किसानों की निर्णय क्षमता को मजबूत करेगी बल्कि ग्रामीण आजीविका को भी बढ़ावा देगी।
प्रमुख अतिथियों का स्वागत और सहयोग की अपील
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ICFA के सीईओ श्री अश्वनी बक्शी ने कार्यक्रम के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रायोजकों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें पूर्व सचिव, एसईआरबी के डॉ. अखिलेश गुप्ता, फिजी के उच्चायुक्त महामहिम श्री जगन्नाथ सामी, जिबूती के राजदूत महामहिम इस्से अब्दुल्लाही असोवे, लीड्स कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के CMD श्री नवनीत रविकर और BIS की वरिष्ठ निदेशक सुनीति टुटेजा प्रमुख थे। साथ ही, IIT रोपड़-TIF अवध की सीईओ डॉ. राधिका त्रिखा ने भी मंच साझा किया।
कृषि क्षेत्र में नवाचार और सहयोग पर चर्चा
दिनभर चले इस सम्मेलन में पारंपरिक कृषि को प्रौद्योगिकी की मदद से बेहतर बनाने पर चर्चा हुई। इसमें किसानों, तकनीकी विकासकर्ताओं और शोधकर्ताओं के बीच सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया गया ताकि नवाचार आधारित खेती को बढ़ावा दिया जा सके। नीति निर्माताओं ने इस बात पर भी चर्चा की कि सरकारी नीतियों को तकनीकी प्रगति के साथ कैसे जोड़ा जाए, ताकि कृषि क्षेत्र के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो सके।
सम्मेलन में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों और बाजारों के बीच संपर्क मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। इससे आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुव्यवस्थित करने और छोटे किसानों की आजीविका में सुधार की संभावनाएं तलाशी गईं।
कृषि के भविष्य को आकार देने की दिशा में कदम
सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल कृषि की संभावनाओं को समझना, ज्ञान का आदान-प्रदान करना और विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना था। इसमें नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और किसानों को एक मंच पर लाकर भारत के कृषि-तकनीक क्षेत्र में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया गया।
इस कार्यक्रम ने कृषि में मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए और भविष्य की रणनीतियों के लिए एक आधार तैयार किया, जिससे भारत वैश्विक कृषि-तकनीक क्षेत्र में अग्रणी बन सके। सम्मेलन ने न केवल कृषि के डिजिटल युग को बढ़ावा देने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया बल्कि सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नए अवसर भी खोले।
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