भारत में कटाई के बाद सबसे अधिक क्षति: अमरूद और टमाटर सबसे प्रभावित
13 अगस्त 2025, नई दिल्ली: भारत में कटाई के बाद सबसे अधिक क्षति: अमरूद और टमाटर सबसे प्रभावित – खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) द्वारा NABARD कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (NABCONS) से कराए गए हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि भारत में कई कृषि उत्पादों को कटाई के बाद बड़ी मात्रा में क्षति होती है। यह अध्ययन 2020–22 की अवधि के लिए किया गया, जिसमें 54 फसल/वस्तुओं को शामिल किया गया और कटाई के बाद के विभिन्न चरणों – जैसे फसल काटना, छंटाई, पैकेजिंग, परिवहन, भंडारण और बाज़ार में हैंडलिंग — का विश्लेषण किया गया।
अमरूद में सबसे अधिक हानि
अध्ययन में पाया गया कि फलों में अमरूद सबसे अधिक प्रभावित फसल है, जिसमें कुल 15.05% हानि दर्ज की गई। इसमें 11.59% हानि खेती स्तर पर और 3.46% हानि बाज़ार स्तर पर होती है। अमरूद की जल्दी पकने की प्रवृत्ति, कोमल बनावट और ठंडे भंडारण की कमी इसके खराब होने के प्रमुख कारण हैं।
सब्ज़ियों में टमाटर सबसे अधिक खराब
सब्ज़ियों में टमाटर की हानि सबसे अधिक पाई गई, जो कुल 11.62% है – 8.37% खेती स्तर पर और 3.25% बाज़ार स्तर पर। टमाटर की नाज़ुक त्वचा, कम शेल्फ लाइफ और परिवहन के दौरान होने वाली क्षति इसके खराब होने की संभावना को बढ़ाती है। साथ ही, बाज़ार में कीमतों में तेज़ उतार-चढ़ाव के कारण भी समय पर बिक्री न होने से नुकसान होता है।
तालिका: भारत में प्रमुख फसलों की सबसे अधिक कटाई के बाद होने वाली क्षति (2020–22)
| श्रेणी | फसल | खेती स्तर पर क्षति (%) | बाज़ार स्तर पर क्षति (%) | कुल क्षति (%) |
|---|---|---|---|---|
| फल | अमरूद | 11.59 | 3.46 | 15.05 |
| आम | 6.03 | 2.50 | 8.53 | |
| केला | 5.17 | 2.40 | 7.57 | |
| सब्ज़ियां | टमाटर | 8.37 | 3.25 | 11.62 |
| पत्ता गोभी | 5.83 | 2.32 | 8.15 | |
| प्याज | 5.31 | 1.96 | 7.27 | |
| अनाज | धान | 4.16 | 0.61 | 4.77 |
| गेहूं | 3.61 | 0.56 | 4.17 | |
| तिलहन | सोयाबीन | 6.58 | 0.93 | 7.51 |
| मूंगफली | 4.70 | 1.03 | 5.73 |
स्रोत: कृषि उत्पादों की कटाई के बाद होने वाली क्षति पर NABCONS अध्ययन (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोगित)
कुल राष्ट्रीय प्रभाव
NABCONS अध्ययन के अनुसार, भारत में कटाई के बाद प्रतिवर्ष अनुमानित क्षति इस प्रकार है:
- अनाज: 12.49 मिलियन मीट्रिक टन
- फल: 7.36 मिलियन मीट्रिक टन
- सब्ज़ियां: 11.97 मिलियन मीट्रिक टन
- प्लांटेशन फसलें (गन्ना और मसाले सहित): 30.59 मिलियन मीट्रिक टन
यह हानि किसानों की आय में बड़ी कमी लाती है और देश की खाद्य सुरक्षा के लक्ष्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।
सरकारी प्रयास
कटाई के बाद होने वाली हानि को कम करने के लिए MoFPI एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना (Pradhan Mantri Kisan Sampada Yojana के अंतर्गत) चला रहा है। इसके तहत बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और कोल्ड चेन सुविधाओं की स्थापना की जा रही है, जिससे नाशवंत कृषि उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके।
अब तक देशभर में 16 विकिरण इकाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से एक इकाई मध्य प्रदेश के देवास स्थित अवंती मेगा फूड पार्क में स्थापित की गई है।
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