राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने गेहूं की उन्नत किस्म WH-1402 को किया लॉन्च, सिर्फ147 दिनों में होगी तैयार

24 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने गेहूं की उन्नत किस्म WH-1402 को किया लॉन्च, सिर्फ147 दिनों में होगी तैयार – हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU) ने किसानों के लिए एक नई और उन्नत गेहूं की किस्म WH-1402 लॉन्च की है, जो न केवल उच्च पैदावार और गुणवत्ता के लिए जानी जाती है, बल्कि तेजी से पकने के कारण भी किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इस किस्म के विकास का उद्देश्य किसानों को अधिक उत्पादन, बेहतर पोषण और समय पर फसल प्राप्ति की सुविधा प्रदान करना है। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय ने श्री संत सीड्स एलएलपी, टोहाना के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि इस नई किस्म के बीज अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचे।

WH-1402 किस्म की विशेषता यह है कि यह 147 दिनों में पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है। इसमें बालियां लंबी और मजबूत होती हैं, जिससे यह तेज़ हवाओं या बारिश में भी गिरने की संभावना को कम करती है। यह किस्म 100 दिन में बालियां निकालती है, और इसके पौधों की ऊंचाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक होती है। इसके अलावा, इसमें 11.3 प्रतिशत प्रोटीन, 77.7 किलो/हेक्टोलिटर वजन, और लौह (37.6 पीपीएम) और जिंक (37.8 पीपीएम) जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे पौष्टिकता के लिहाज से उत्कृष्ट बनाते हैं।

Advertisement
Advertisement

बीज दर और सिंचाई की आवश्यकता

WH-1402 किस्म की बिजाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह के बीच की जाती है। इसकी बीज दर 100 किलो प्रति हेक्टेयर रखी गई है। यह किस्म दो बार सिंचाई की मांग करती है — पहली सिंचाई बिजाई के 20-25 दिन बाद और दूसरी सिंचाई 80-85 दिन बाद। इसकी कम सिंचाई की आवश्यकता इसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भी सुरक्षित रखती है, जो इसे अधिक उत्पादक और स्थिर बनाता है।

नई किस्म से किसानों को मिलेगा लाभ

WH-1402 का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत तकनीकी से अधिक पैदावार और बेहतर गुणवत्ता वाली गेहूं की फसल प्राप्त कराना है। इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करेगा। किसानों के लिए इसे अपनाना एक लाभकारी कदम साबित हो सकता है, क्योंकि यह किस्म कम समय में तैयार होती है और इसकी पैदावार भी अधिक होती है।

Advertisement8
Advertisement

समझौता ज्ञापन और भविष्य की योजनाएँ

विश्वविद्यालय ने श्री संत सीड्स एलएलपी के साथ समझौता कर यह सुनिश्चित किया है कि इस किस्म के बीज देशभर में किसानों तक पहुंच सकें। इस समझौते के तहत, निजी क्षेत्र की कंपनी किसानों तक इस उन्नत किस्म के बीज पहुंचाएगी, जिससे उत्पादन में सुधार होगा और किसानों को अधिक आर्थिक लाभ मिलेगा।

Advertisement8
Advertisement

इस नई गेहूं की किस्म को लेकर वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह किस्म भारत के विभिन्न कृषि क्षेत्रों में सफलतापूर्वक अपना स्थान बना सकती है और किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में नई क्रांति का प्रतीक बन सकती है।

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements
Advertisement5
Advertisement