राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

प्याज के एक्सपोर्ट को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को हटाया

14 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: प्याज के एक्सपोर्ट को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को हटाया – केन्द्र की मोदी सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट करने के मामले, में एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से प्याज उत्पादक किसानों के साथ ही प्याज को एक्सपोर्ट करने वालों को भी राहत होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पर लगाए गए 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त को हटा दिया गया है। यानी अब भारत से प्याज किसी भी दाम पर एक्सपोर्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही एक्सपोर्ट पर लगी 40 परसेंट की ड्यूटी को घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।  इसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि प्याज के मुद्दे पर महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और उसके सहयोगी पार्टियों को किसानों ने बड़ा झटका दिया था।  इस समय भी उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक फैसले से प्याज उत्पादक किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है। ऐसे में उनकी नाराजगी दूर करने के लिए सरकार ने यह बड़ा दांव चला है.प्याज औऱ बासमती चावल पर लगाए गए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) की वजह से किसानों और एक्सपोर्टरों में सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा था।  

प्याज जहां महाराष्ट्र की प्रमुख फसल है, वहीं बासमती हरियाणा की प्रमुख फसल है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जबकि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों का ऐलान जल्द हो सकता है। बताया जा रहा है कि इसलिए सरकार ने आनन-फानन में दोनों की एमईपी खत्म करने का ऐलान कर दिया है। प्याज के साथ-साथ केंद्र सरकार ने बासमती चावल को लेकर भी इसी तरह का फैसला लिया है।  बताया गया है कि बासमती चावल पर लगी 850 डॉलर प्रति टन की एमईपी भी हटा ली गई है। पंजाब राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के निदेशक अशोक सेठी ने इसकी पुष्टि की है।सरकार की तरफ से आधिकारिक आदेश जारी कर इसकी पुष्टि की गई है। इस निर्णय को हरियाणा विधानसभा से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव में बासमती धान के दाम में कमी बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

एक्सपोर्ट ड्यूटी और एमईपी कब लगी

केंद्र सरकार ने प्याज के दाम में कमी करने के लिए अगस्त 2023 में पहली बार 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी। जिसका पूरे महाराष्ट्र में जमकर विरोध हुआ था। किसानों और व्यापारियों ने मिलकर नासिक सहित प्रदेश की कई मंडियों को कई दिन तक बंद रखा था। जबकि 550 डॉलर प्रति टन की एमईपी वाली शर्त इस साल 4 मई को उसे समय लगाई गई थी जब सरकार ने लोकसभा चुनाव के वक्त एक्सपोर्ट बैन को खत्म किया था।

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