राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

सरकार ने दी किसानों को खुशखबरी, तीन राज्यों को दी सोयाबीन खरीदी की मंजूरी 

राज्य स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से खरीदा जा सकेगी उपज 

09 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: सरकार ने दी किसानों को खुशखबरी, तीन राज्यों को दी सोयाबीन खरीदी की मंजूरी – देश में अधिकतर किसान गेहूं के साथ-साथ सोयाबीन की भी खेती करते है या फिर कई ऐसे किसान भी है जो सिर्फ सोयाबीन की ही खेती पर निर्भर रहते है। ऐसे ही किसानों के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने एक  महत्वपूर्ण फैसला लिया है ताकि उन्हें आर्थिक रूप से बेहतरीन मदद मिल सके।

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दरअसल सरकार ने किसानों को खुशखबरी यह दी है कि तीन राज्यों को सोयाबीन खरीदी के लिए मंजूरी दे दी है। ये राज्य होंगे कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना। यहां सोयाबीन खरीदी के लिए एनएएफईडी और एनसीसीएफ जैसी केन्द्रीय नोडल और राज्य स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई है ताकि किसानों की उपज को एमएसपी पर खरीदा जा सकेगा। 

सरकार ने फैसला लिया है कि अब से सरकार सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी. यह खरीद फिलहाल महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना किसानों से की जाएगी. इन तीनों राज्यों से सोयाबीन खरीद Nafed और NCCF जैसी केंद्रीय नोडल और राज्य स्तरीय एजेंसियां एमएसपी पर करेंगी.  जानकारी के अनुसार, किसानों के लिए भारत सरकार ने MSP की दर 91 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. ताकि छोटे एवं सीमांत किसान सशक्त बन सकें केंद्रीय सरकार के ऐलान के बाद  महाराष्ट्र, कर्नाटक,तेलंगाना में PSS (मूल्य समर्थन योजना) पर सोयाबीन की खरीद होगी. ताकि MSP पर सोयाबीन की खरीद को सुनिश्चित किया जा सके.  Nafed और NCCF जैसी केंद्रीय नोडल और राज्य स्तरीय एजेंसियां के द्वारा किसानों को फसल बेचने में होने वाली कठिनाइयों से बचाने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा चुके हैं. मिली जानकारी के अनुसार, तीनों राज्यों से सोयाबीन की खरीद को लेकर सरकार की तरफ से पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है.

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मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में नंबर वन की पोजीशन पर बना हुआ है. कृषि मंत्रालय के तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ मध्य प्रदेश पहले नंबर पर, महाराष्‍ट्र 5.23 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ दूसरे नंबर पर, राजस्‍थान 8.96 फीसदी यानी 1.17 मिलियन टन उत्पादन के साथ तीसरे स्थान पर है. मूल्य समर्थन योजना यानी की PSS का क्रियान्वयन केंद्र सरकार के द्वारा राज्यों में किया जाता है, जिसके तहत किसी भी फसल के दाम MSP से कम होने पर केंद्र सरकार के द्वारा नोडल एजेंसी के माध्‍यम से फसल की खरीद MSP पर करती है. यह कार्य तब तक जारी रहता है, जब तक बाजार में MSP के दाम संतोषजनक स्तर पर न आ जाएं.

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