राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

Google की AI तकनीक से खेती होगी हाईटेक, किसानों की बढ़ेगी आमदनी

17 जुलाई 2025, नई दिल्ली: Google की AI तकनीक से खेती होगी हाईटेक, किसानों की बढ़ेगी आमदनी – Google ने भारत में ओपन-सोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। इन AI टूल्स का मकसद खेती को आसान बनाना, भाषाओं को बढ़ावा देना और भारत की सांस्कृतिक विविधता को सुरक्षित रखना है। Google ने इस दौरान एक खास टूल AMED API लॉन्च किया है। इसका पूरा नाम एग्रीकल्चरल मॉनिटरिंग एंड इवेंट डिटेक्शन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस है

AMED API कैसे करेगा किसानों की मदद ?

AMED API भारत में फसलों और खेत की जानकारी देगा। इससे खेती से जुड़ी हर गतिविधि की जानकारी मिलेगी। डेवलपर्स इस टूल से ऐसे ऐप या समाधान बना सकेंगे जो खेती को ज्यादा फायदेमंद और आसान बनाएंगे। इससे किसान बेहतर उत्पादन कर सकेंगे और जलवायु के बदलाव का भी सामना कर पाएंगे। 

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भारत की संस्कृति और भाषाओं के लिए Google की पहल

Google DeepMind ने IIT खड़गपुर के साथ मिलकर भारत की संस्कृति और भाषाओं के लिए नए डेटा तैयार करने की घोषणा की है। यह काम Google की Amplify Initiative के तहत हो रहा है। Google DeepMind के डॉ. मनीष गुप्ता का कहना है कि भारत में इनोवेटर्स AI का इस्तेमाल करके समाज में अच्छा बदलाव ला रहे हैं।

AMED API कैसे काम करता है?

AMED API पहले के ALU API पर आधारित है। यह मशीन लर्निंग, फसल की पहचान करने वाले लेबल और सैटेलाइट की तस्वीरों का इस्तेमाल करता है। इससे खेत की किस्म, उसका आकार और बोआई-कटाई की तारीख तक पता चलती है। इसमें पिछले तीन साल का डेटा भी है, जिससे किसानों को खेती की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी।

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तकनीक अपनाने में किसानों को क्या दिक्कतें हैं?

फरवरी 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट कहती है कि भारत में AI धीरे-धीरे खेती में आ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 20% किसान ही डिजिटल या AI टूल्स का उपयोग करते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह किसानों की कम आमदनी है। एक किसान की सालाना आमदनी सिर्फ ₹1.25 लाख के आसपास होती है, जिससे वे महंगी तकनीक खरीद नहीं पाते।

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भारत में 85% किसान छोटे किसान हैं जिनके पास औसतन 1.08 हेक्टेयर जमीन होती है। जमीन बिखरी हुई होने से AI तकनीक हर गांव में पहुंचाना मुश्किल और महंगा हो जाता है। ज्यादातर कंपनियां बड़े किसानों या एग्री-बिजनेस को टारगेट करती हैं। इन तकनीकों के लिए रियल टाइम डेटा और ज्यादा पैसे लगते हैं। साथ ही सही तरीके से टेस्टिंग न होने के कारण किसान भरोसा नहीं कर पाते।

AI प्रोजेक्ट का मकसद क्या है?

Google का कहना है कि AMED API से खेती आसान, सटीक और मौसम के बदलाव के अनुकूल बनेगी। Amplify Initiative भारत की भाषा और संस्कृति को AI में सही जगह देने का काम करेगा। Google का मकसद है कि ये AI टूल छोटे किसानों तक पहुंचे ताकि वे भी स्मार्ट खेती कर सकें और उनकी आमदनी बढ़े। Google का मानना है कि AI से खेती का भविष्य उज्जवल और किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।

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