राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कर्नाटक के किसानों के लिए अच्छी खबर, केंद्र सरकार MSP पर खरीदेगी ये 5 प्रमुख फसलें

22 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: कर्नाटक के किसानों के लिए अच्छी खबर, केंद्र सरकार MSP पर खरीदेगी ये 5 प्रमुख फसलें – केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार कर्नाटक राज्य से मूल्य समर्थन योजना (MSP) के तहत मूंग, काली मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद करेगी। यह फैसला कर्नाटक के किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि इससे उनकी आमदनी में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। प्रल्हाद जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस योजना के क्रियान्वयन की मंजूरी का अनुरोध किया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 सितंबर को प्रल्हाद जोशी को लिखे पत्र में बताया कि मंत्रालय ने कर्नाटक में 2025-26 खरीफ सीजन के दौरान कुल 38,000 मीट्रिक टन मूंग, 60,180 मीट्रिक टन काली मूंग, 15,650 मीट्रिक टन सूरजमुखी, 61,148 मीट्रिक टन मूंगफली और 1,15,000 मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय किसानों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने और उन्हें बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्दी से जल्दी जिलेवार खरीद केंद्र स्थापित करे और पूरे राज्य में खरीद प्रक्रिया शुरू करे, ताकि किसान बिना किसी परेशानी के अपनी फसलें केंद्र सरकार को बेच सकें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस किसान-हितैषी निर्णय के लिए धन्यवाद भी दिया।

MSP के तहत खरीद के लिए मंजूर फसलें और अनुमोदित मात्रा

मूंग – 38,000 मीट्रिक टन
काली मूंग – 60,180 मीट्रिक टन
सूरजमुखी – 15,650 मीट्रिक टन
मूंगफली – 61,148 मीट्रिक टन
सोयाबीन – 1,15,000 मीट्रिक टन

किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

कर्नाटक की कृषि अर्थव्यवस्था में इन फसलों का विशेष योगदान है। मूंग, काली मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन न केवल राज्य की खाद्य सुरक्षा और पोषण में सहायक हैं, बल्कि ये फसलें देश के खाद्य तेल और दलहन उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। MSP के तहत इन फसलों की खरीद से किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे स्थिर आय प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल से कर्नाटक के कृषक समुदाय को सीधे लाभ पहुंचने की उम्मीद है।

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